नई दिल्ली: ब्याज दर में कमी की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, जबकि तेल व जिंसों के दाम भी निचले स्तर पर हैं। ऐसे में उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में इन कारकों पर विचार करेगा। उन्होंने कहा, 'व्यापक दृष्टि से भारत में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और तेल व जिंस की कीमतें भी निचले स्तर पर हैं।
'यद्यपि मानसून के लिहाज से अगस्त और सितंबर बहुत उत्साहवर्धक नहीं दिख रहे हैं, कम से कम जुलाई में मॉनसून बहुत अच्छा रहा। इसलिए कृषि उत्पादन पिछले साल की तुलना मे काफी बेहतर रहने जा रहा है इसलिए मुझे नहीं लगता कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें बहुत अधिक बढ़ेंगी। जेटली ने कहा कि एक ऐसे परिदृश्य में जहां मुद्रास्फीति नियंत्रण में हो, ब्याज दर में कटौती की मात्रा तय करना 'रिजर्व बैंक का विशेषाधिकार है।Ó वित्त मंत्री ने कहा कि इसलिए मुझे लगता है कि एक बहुत पेशेवर संस्थान के तौर पर आरबीआई निश्चित तौर पर इन सभी कारकों पर ध्यान देगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई ने अभी तक नीतिगत ब्याज दरों को लेकर थोड़ी 'हठधर्मिता दिखाई है, जेटली ने कहा, ' लोगों के अलग अलग विचार हो सकते हैं। लेकिन आरबीआई जैसे संस्थान पर हमें थोड़ा विश्वास करना होगा क्यों कि उसका अपना एक पेशेवराना अंदाज और अपनी क्षमता है। वित्त मंत्री ने कहा कि तेल व जिंसों के दाम वैश्विक स्तर पर निचले स्तर पर चल रहे हैं और भारत इनका शुद्ध आयातक है। ' इसलिए हम सस्ती कीमतों पर इन उत्पादों को खरीद रहे हैं।
हम तेल कीमतों व जिंस कीमतों में नरमी के लाभार्थी हैं। हम चीन की उत्पादन श्रृंखला का हिस्सा नहीं हैं। हमारी घरेलू मांग बहुत अधिक है।' उन्होंने कहा कि अन्य बाजारों से धन निकाल रहे निवेशकों को एक आकर्षक निवेश स्थल की पेशकश करता है।