न्यूयार्क: सिलिकॉन वैली के एक युवा भारतवंशी निवेश बैंकिंग पेशेवर और उसके दो दोस्तों पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाया गया है, जिसमें उन्हें छह लाख डॉलर से अधिक का लाभ हुआ था। यह जानकारी मंगलवार को सहायक अटॉर्नी जनरल लेस्ली काल्डवेल ने दी। काल्डवेल ने कहा कि जे.पी. मोर्गन सिक्युरिटीज के विश्लेषक आशीष अग्रवाल और उसके दोस्तों ने संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर प्रतिभूति घोटाला और षड़यंत्र का आरोप लगाया गया है।
FBI ने अपने बयान में कहा कि जे.पी. मोर्गन के सैन फ्रांसिस्को कार्यालय में काम करने वाले 27 वर्षीय अग्रवाल को कथित तौर पर आगामी अधिग्रहणों और विलयों की इनसाइडर सूचना हासिल हुई। ये सूचनाएं उसने अपने एक दोस्त 26 वर्षीय शहरयार बोलांदियन को दी, जिसने एक अन्य दोस्त 28 वर्षीय केवन सादिघ को यह जानकारी दी।
बयान के मुताबिक, बोलांदियन और सादिघ ने इन इनसाइडर सूचनाओं का उपयोग करते हुए दो अधिग्रहणों की सार्वजनिक घोषणा होने से पहले उनके शेयरों में कारोबार किया।
इन अधिग्रहणों के तहत अप्रैल 2012 में इंटिग्रेटेड डिवाइस टेक्नोलॉजी इंक ने पीएलएक्स टेक्नोलॉजी इंक का अधिग्रहण किया था। उसके बाद जून 2013 में सेल्सफोर्स डॉट कॉम ने एग्जेक्टटार्गेट इंक का अधिग्रहण किया था।
छह लाख डॉलर लाभ का उपयोग उन्होंने हालांकि ऐश करने में नहीं किया। एफबीआई के मुताबिक कथित तौर पर उन्होंने कर्ज उतारे और बोलांदियन तथा सादिघ को शेयर कारोबार में हुए घाटे की भरपाई की।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2012 में एक अन्य भारतवंशी अमेरिकी और मैकिंसे के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रजत गुप्ता को भी इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में दोषी ठहराया गया था। मैकिंसे के ही एक अन्य कर्मचारी अनिल कुमार ने भी इस मामले में अपना गुनाह कबूल किया था।