बेंगलुरू: इन्फोसिस के शेयरधारकों ने आज कंपनी के सह संस्थापक नारायणमूर्ति को एक बार फिर कंपनी में लाने की मांग की जबकि खुद नारायणमूर्ति ने इसे स्नेह के शब्द बताते हुए इससे इनकार कर दिया।
देश की इस प्रमुख आईटी कंपनी की 34वीं सालाना आम बैठक यहां हुई। इसमें एक के बाद एक अनेक शेयरधारकों ने सुझाव दिया कि उन्हें :नारायणमूर्ति को: कंपनी में वापस लाया जाना चाहिए क्योंकि उनका नाम इन्फोसिस का पर्यायवाची है।
एक शेयरधारक गोपालकृष्णा राव ने कहा, कंपनी के हित में नारायणमूर्ति को स्वतंत्र निदेशक के रूप में वापस लाएं।
हालांकि इन टिप्पणियों पर नारायणमूर्ति ने कहा, वे यह सब बातें इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनको कुछ न कुछ स्नेह है।
उन्होंने सालाना बैठक के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, लेकिन वास्तविकता यही है कि हमारे पास कंपनी चला रहे लोगों का अच्छा समूह है। उन्हें कंपनी चलानी चाहिए और हम सभी को उनका समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमें उनका बाहर से ही हौसला बढाना चाहिए। बाहर से किसी को भी इन्फोसिस में वापस जाने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नारायणमूर्ति की अगुवाई में सात लोगों ने 1981 में इन्फोसिस की स्थापना की थी। नारायणमूर्ति 14 जून 2014 को कार्यकारी चेयरमैन व 10 अक्तूबर 2014 को गैर कार्यकारी चेयरमैन पद से हटे।
कंपनी की यह पहली सालाना बैठक की थी जिसमें उसका कोई संस्थापक बोर्ड सदस्य के रूप में शामिल नहीं हुआ। नारायणमूर्ति अपनी पत्नी सुधा मूर्ति व पुत्र रोहन मूर्ति के साथ शेयरधारक के रूप में बैठक में आए।