नई दिल्ली: देश के सरकारी बैंकों की हालात सुधारने के लिए सरकार ने सात सूत्रीय कदम के तहत इंद्रधनुष योजना बनाई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि कुछ क्षेत्रों की सुस्ती के चलते सरकारी बैंकों ने चुनौतीपूर्ण मुश्किलों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि अब सरकारी बैंकों को घबराने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं।
अरूण जेटली ने कहा कि सरकार यह कोशिश कर रही है कि सरकारी बैंकों के वाणिज्यिक परिचालन से जुड़ी गतिविधियों में राजनीतिक हस्तक्षेप को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि बैंको की मौजूदा समस्या को निपटाने के लिए स्टील, बिजली और राजमार्ग क्षेत्रों पर ध्यान देकर सरकारी बैंकों के दबाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जेटली ने कहा कि राजमार्ग क्षेत्र में सुधार हो रहा है, स्टील क्षेत्र संकट का सामना कर रहा है, चीनी क्षेत्र के लिए पहले ही कुछ उपायों का ऐलान हो चुका है और बिजली एवं वितरण कंपनियों के मामले में सरकार बराबर नजर बनाए हुए है। वित्त मंत्री ने कहा, “हम ऐसी नीति की घोषणा कर रहे हैं जिसमें हर बैंक की निगरानी प्रमुख प्रदर्शनों मानकों के आधार पर ही होगी।बैंक होल्डिंग कंपनी की दिशा में पहले कदम के रूप में सरकार ने एक बैंक बोर्ड ब्यूरो का प्रस्ताव रखा है।”