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कारोबार को बेहतर बनाने के लिए सरकार से और सुधार की उम्मीद: उद्योग

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर उद्योग जगत ने कारोबारी माहौल बेहतर बनाने के लिए उसकी प्रशंसा की और आगे और सुधार किए जाने की उम्मीद

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर उद्योग जगत ने कारोबारी माहौल बेहतर बनाने के लिए उसकी प्रशंसा की और आगे और सुधार किए जाने की उम्मीद जताई। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "पिछले एक साल में सरकार की प्रमुख उपलब्धि पारदर्शी और न्यायोचित नीतियां बनाकर सकारात्मक कारोबारी माहौल का निर्माण करना और निवेशकों में फिर से विश्वास लौटाना है।"

उन्होंने कहा, "एक ठोस कार्य योजना बनाकर सरकार ने जहां टिकाऊ उच्च विकास दर की मजबूत नींव रख दी है, वहीं उसका कार्यान्वयन बड़ी चुनौती है।"

सूरी ने ग्रामीण और शहरी मांग में सुस्ती को चिंता का प्रमुख कारण बताया और कहा कि औद्योगिक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अवसंरचना परियोजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ाया जाना चाहिए।

सूरी ने कहा, "सरकार को कृषि उत्पादकता बढ़ाने और जल नीति बनाने पर ध्यान देना चाहिए।"

प्रमुख उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि अगली दो तिमाहियों में और सुधार होंगे और गांव की अर्थव्यवस्था पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने यहां एक बयान में कहा, "मोदी से ग्राम्य अर्थव्यवस्था पर अधिक ध्यान देने की आशा है। यद्यपि जन धन योजना जैसी कई वित्तीय समावेशीकरण वाले कार्यक्रमों से भी गांव को लाभ मिलेगा।"

उन्होंने कहा कि आवासीय, रियल एस्टेट, बैंकिंग और दूरसंचार जैसे कई आर्थिक क्षेत्र दबाव में हैं।

कपूर ने कहा कि वैश्विक मांग कमजोर रहने से वस्तु निर्यात भी तनाव पैदा कर रहा है।

एसोचैम के अध्यक्ष ने कहा, "निजी निवेश में तेजी लाने की कोशिश की जानी चाहिए, वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित व्यवस्था जल्द लागू किए जाने से ऐसा हो सकता है।"

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने यहां एक बयान में कहा, "नीतियों के कारण बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, इससे उच्च विकास दर की संभावना बढ़ी है।"

बनर्जी ने कहा, "सब्सिडी में बर्बादी रोकने के कदम उठाने, प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी और महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए जाने से परिसंघ का मानना है कि इन कदमों से विकास दर बढ़कर 8.2 फीसदी तक पहुंच सकती है।"