मुंबई: संसद में गतिरोध के चलते कई महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित नहीं हो सकने पर चिंता जताते हुए उद्योगपति आदि गोदरेज ने आज कहा कि जीएसटी विधेयक कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, किंतु संशोधित विधेयक में कई कमजोरियां हैं।
संसद की कार्यवाही लगातार बाधित होने और सुधारों से जुड़े कई विधेयकों के लंबित रहने को लेकर चिंतित गोदरेज समूह के चेयरमैन ने आशंका जताई कि यदि सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाता है तो भविष्य को लेकर कई तरह के सवालिया निशान लग जाएंगे। भूमि अधिग्रहण विधेयक में कई चीजें छोड़े जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर गोदरेज ने पीटीआई भाषा को बताया, मुझे लगता है कि यदि आप लंबित सभी विधेयकों पर नजर डालें तो जीएसटी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, जीएसटी के जरिए भारत में वृद्धि दहाई अंक में पहुंच जाएगी और सब कुछ रास्ते पर आ जाएगा। हालांकि जीएसटी के संशोधित मसौदे में काफी कमजोरियां हैं।
गोदरेज ने कहा, यह :मौजूदा मसौदा: एक संपूर्ण चीज नहीं है। यदि संपूर्ण मसौदे को अर्थव्यवस्था पर असर के लिहाज से 100 अंक दिया जाय तो इसे कम से कम 80 अंक मिलेगा। कुछ वर्षों में यह 100 अंक हासिल कर लेगा। इसके पारित नहीं होने के बजाय कुछ कमजोरियों के साथ पारित हो जाना बहुत महत्वपूर्ण है।
सरकार पहले से कहती रही है कि वह वस्तु एवं सेवाकर कानून को एक अप्रैल, 2016 से लागू करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस सांसदों के लगातार विरोध के चलते तीसरे सप्ताह राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही जिससे जीएसटी विधेयक लंबित रहा।