नई दिल्ली: ग्रीस की संसद ने बेलआउट से जुड़ी शर्तों को मज़ूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 229 संसदों ने सहमति और 64 सांसदों ने विरोध किया। संसद के बाहर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके जिसके कारण पुलिस को आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
वहीं उप वित्त मंत्री नाडिया वालावानी ने अपने पद से इस्तीफा यह कहते हुए दिया कि ये प्रस्ताव जर्मनी की उन मांगों जैसी है जो पहले विश्व युद्ध की समाप्ति पर हर्जाने के लिए की गईं थीं।
वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री सिप्रास ने दोबारा कहा कि शर्तों से सहमत नहीं है लेकिन इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प भी नहीं है। अगर मुझे आपका समर्थन नहीं मिला तो मेरे लिए प्रधानमंत्री बने रहना मुश्किल होगा। सिप्रास के समर्थकों ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया लेकिन कई सासंदों ने ईयू पैकेज का विरोध किया।
आप को बता दें कि ग्रीस संकट पर यूरोजोन के सदस्य देशों के बीच तीसरे बेलआउट पैकेज पर समझौता हो चुका है। बीबीसी की रिर्पोट के मुताबिक, टस्क ने ट्वीट कर कहा, "गंभीर सुधारों और वित्तीय मदद के साथ ग्रीस को एक बेलआउट पैकेज देने की तैयारी है।"
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर ने कहा, "ग्रीस को यूरोजोन से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। किसी की हार या जीत नहीं हुई है। मुझे नहीं लगता कि ग्रीस के लोगों को शर्मिदा होने की जरूरत है।"
ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास यूरोजोन के नेताओं के साथ 17 घंटे की मैराथन वार्ता के बाद सख्त सुधारों के लिए सहमत हो गए, जिसके बदले ग्रीस को 86 अरब यूरो यानी 96 अरब डॉलर का तीसरा बेलाउट पैकेज दिया जाएगा। पिछले पांच सालों में ग्रीस का यह तीसरा बचाव समझौता है।