बैंकों में नई पूंजी डालने के आंकड़े पर अभी फैसला नहीं :वित्त मंत्री
स्टैनफोर्ड: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकारात्मक भूमिका की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बैंकों में वास्तव में कितनी राशि का पुनर्पूंजीकरण किया जायेगा इस बारे में सरकार ने
स्टैनफोर्ड: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकारात्मक भूमिका की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बैंकों में वास्तव में कितनी राशि का पुनर्पूंजीकरण किया जायेगा इस बारे में सरकार ने अभी फैसला नहीं किया है।
जेटली ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह के मौके पर कहा मैंने पुनर्पूंजीकरण के आंकड़े पर फैसला नहीं किया है। मैंने इस साल के बजट में आंकड़े का जिक्र किया था। लेकिन हमें बजट में कही गई राशि से कहीं अधिक राशि की जरूरत होगी। जेटली ने अपनी बात कहने के बाद पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि सरकार ने सैद्धांतिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का फैसला किया है। उन्होंने कहा सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 52 प्रतिशत की जा रही है। इससे निजी पूंजी लाने में मदद मिलेगी। इस साल और अगले साल के बजटीय संसाधनों से हम बैंकों में कुछ राशि डालना चाहते हैं।
जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा निभाई जा रही भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा बुनियादी ढांचा समेत भारतीय कारोबार के संवद्र्धन में और खासतौर पर ऐसे में जबकि हम अटकी पड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकारात्मक भूमिका होगी। दूसरी बात यह है कि उनकी मजबूती और नेटवर्क काफी व्यापक है। तीसरे, अच्छा संकेत यह है कि निजी क्षेत्र के बैंक भी प्रतिस्पर्धा में आ रहे हैं। चौथे, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सामाजिक दायित्व निभाने के मामले में उल्लेखनीय कार्य किया है। निजी क्षेत्र के बैंक इस मामले में पिछड़ गए हैं। जेटली ने स्वीकार किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रबंधन को नियुक्ति से लेकर अधिनियमन तक विभिन्न स्तर पर बनने वाले दबाव से मुक्त करने में पिछड़ रहे हैं। जेटली ने कहा कि वित्त मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कई नियुक्तियां रद्द कीं और अब इन बैंकों में चेयरमैन और सीईओ के पद को अलग कर नियुक्ति की बेहद पेशेवर प्रणाली शुरू की गई है।
जेटली ने कहा 14 और 15 को साक्षात्कार हो रहे थे, चयन प्रक्रिया शायद अंतिम चरण में होगी। बैंक प्रमुखों के सभी पद भर लिये जाएंगे। हमने इन बैंकों के कार्यकारी पदों को निजी क्षेत्र से आने वाले उम्मीदवारों के लिए भी खोला है। लेकिन इससे बैंकों की वित्तीय सेहत की वह समस्या नहीं सुलझीं हैं जो हमें विरासत में मिली हैं।
एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के बारे में जेटली ने कहा कि चीन के बाद भारत इसमें दूसरा बड़ा हिस्सेदार होगा।
जेटली ने कहा कि वह इस महीने बीजिंग जाएंगे और तब चीन के नेतृत्व वाले इस बैंक से भारत औपचारिक तौर पर जुड़ जायेगा।
जेटली ने कहा कि भारत ने आर्थिक और भू-राजनैतिक कारकों पर सोच-विचार के आधार पर ही बैंक से जुड़ने का फैसला किया है। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा हमने इसका आकलन किया। उन्होंने कहा शायद 29 जून को मैं हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने चीन जाउंगा और तब भारत औपचारिक तौर पर बैंक से जुड़ जायेगा। चीन के बाद भारत इस बैंक का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक होगा।
जेटली ने कहा हमारा मानना है कि ये जो नए संस्थान, यह बैंक और ब्रिक्स बैंक... खड़े हो रहे हैं .. भारत में इसका विलेषण इस प्रकार है कि विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में सुधार का मामला कुल लंबा खिंच गया है जिसकी वजह से ही ये वैकल्पिक संस्थान बन रहे हैं।