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Google House- कंपनी ने पेश की मोबाइल आधारिक प्रोडक्ट श्रृंख्ला

बैंगलूरू.मंगलवार को बैंगलूरू में गूगल ने अपने भारत आधारित मोबाइल प्रोडक्ट्स की एक श्रृख्ला पेश की। इस गूगल सर्च, मैप, फोटोज, अनुवाद और यू-ट्यूब एप शामिल था। गूगल हाउस के इस डेमो कार्यक्रम में जाने

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बैंगलूरू.मंगलवार को बैंगलूरू में गूगल ने अपने भारत आधारित मोबाइल प्रोडक्ट्स की एक श्रृख्ला पेश की। इस गूगल सर्च, मैप, फोटोज, अनुवाद और यू-ट्यूब एप शामिल था। गूगल हाउस के इस डेमो कार्यक्रम में जाने माने शैफ कुनाल कपूर, फैशन फोटो ग्राफर दावू रतनानी, यू-ट्यूब पर लोकप्रिय कॉमेडी कलाकार कनन गिल समेत कुछ अन्य हस्तियों को इन मोबाइल एप्लीकेशन के प्रयोग के बारे में समझाया गया।

गूगल के कंट्री मार्केटिंग डायरेक्टर संदीप मेनन का कहना है कि इस कार्यक्रम के पीछे कंपनी का मुख्य लक्ष्य यह बताना था कि पिछले वर्षों में उनके कर्मचारियों ने मोबाइल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किस तरह के प्रोडक्ट तैयार किए हैं। उनके मुताबिक हर साल 60 से ज्यादा लोग भारत में ऑनलाइन आ रहे हैं ऐसे में कंपनी के प्रोडक्ट्स हमेशा बिना रूकावट काम करें इसके लिए ज्यादा से ज्यादा नए विचारों की जरूरत है।

गूगल के कंट्री मार्केटिंग डायरेक्टर सुरेन रोहेला का मानना है कि कंपनी की ऑफलाइन मैप भारत के उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगी। यह एप्लीकेशन इंटरनेट की कम उपलब्धता या न होने पर भी काम करेगा। रोहेला का कहना है कि कंपनी की कोशिश ऑफलाइन प्रोडक्ट को भी ऑनलाइन की तरह ही काम करें। रोहेला के मुताबिक कंपनी की भारत सरकार से बातचीत जारी है और कंपनी की कोशिश जल्द ही इस एप्लीकेशन के माध्यम से भारत की गलियों तक पहुंचने की है। हालांकि इस बावत उन्होने कोई भी घोषणा करने से फिलहाल इंकार किया। रोहेला का मानना है कि पुरानी इमारतों के 360 डिग्री व्यु के लिए आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से भारत की पुरानी इमारतों तक पहुंचने के लिए बातचीत जारी है।

गूगल का मानना है कि हिंदी भाषा के उपभोग की ग्रोथ सालाना आधार पर 94 फीसदी की दर से बढ़ रही है। जबकि अंग्रेजी के लिए यह आंकड़ा सिर्फ 19 फीसदी का है। एक अनुमान के अनुसार 50 करोड़ हिंदीभाषी हैं जबकि हिंदी में विकीपीडिया आलेख केवल 1,00,000 है। भारत में इंटरनेट जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। यह 2011 में 10 करोड़ थी जो अब 30 करोड़ है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट आधार हो गया है। यह संख्या 2017 में 50 करोड़ होने की संभावना है।  

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