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क्या मैगी की जांच मान्यता प्राप्त लैब में हुई '

नई दिल्ली: खाद्य सुरक्षा नियामक ने कहा है कि मैगी की जांच करने वाले लैब की प्रामाणिकता में कोई संदेह नहीं है और जांच में सभी नियमों का पालन किया गया है। ऐसी खबर आई

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नई दिल्ली: खाद्य सुरक्षा नियामक ने कहा है कि मैगी की जांच करने वाले लैब की प्रामाणिकता में कोई संदेह नहीं है और जांच में सभी नियमों का पालन किया गया है। ऐसी खबर आई थी कि कोलकाता में प्रयोगशाला ने जब मैगी के नमूनों की जांच जब नियामक को दी थी, तब उसके पास मान्यता नहीं थी।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युधवीर सिंह मलिक ने कहा कि हां मैं स्वीकार करता हूं कि कोलकाता के केंद्रीय खाद्य प्रयोगशाला (CFL) ने जांच की थी। लेकिन दूसरे प्रयोगशाला भी थे। मलिक ने कहा कि मैं अधिक जानकारी नहीं दे सकता हूं।

प्राधिकरण द्वारा गत वर्ष दो दिसंबर को जारी अधिसूचना में सीएफएल उसके द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में था। लेकिन एक अप्रैल, 2015 को जारी सूचना में उसका नाम नहीं था। रिपोर्ट के मुताबिक, यदि इस साल एक अप्रैल के बाद प्रयोगशाला ने जांच सौंपी है, तो यह जांच एक ऐसे प्रयोगशाला द्वारा की गई है, जिसके पास इसके लिए जरूरी मान्यता नहीं है। इस पर मलिक ने कहा कि जांच नियमों के तहत की गई है। मैं इतना ही कह सकता हूं।

उल्लेखनीय है कि जांच रपट में हानिकारिक पदार्थो की मौजूदगी के कारण नियामक ने पांच जून को मैगी की सभी नौ किस्में बाजार से हटाने के निर्देश दिए हैं। कई और प्रयोगशालाओं में की गई जांच में भी मैगी में सीसा और एमएसजी की मात्रा सीमा से अधिक पाई गई है।

मैगी बनाने वाली कंपनी ने हालांकि चार जून को नियामक के सामने दी गई प्रस्तुति में नियमों का पालन नहीं किया और कहा कि उसे सही जानकारी नहीं दी गई थी। कंपनी ने साथ ही कहा कि जिन नमूनों की जांच कोलकाता के प्रयोगशाला में हुई है, उसके पैकेट लंबे समय से खुले हुए थे।