नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय फॉर्म के दूसरे हिस्से में बतायी जाने वाली आय मुख्यत: 5 रूप में होती है। सीधे शब्दों में कहें तो इनकम टैक्स की भाषा में आय के मुख्यत: पांच स्रोत होते हैं।
पहला भाग सैलरी और पेंशन से होने वाली आय है। जो आपके नियोक्ता द्वारा प्रदान की जाती है।
आय का दूसरा स्रोत हाउस या प्रॉपर्टी से होनी वाली आय है।
- हाउस प्रॉपर्टी के जरिए मिलने वाले मकान किराए या मिलने वाले मकान किराए को भी आमदनी में शामिल किया जाता है।
- इस तथ्य के बावजूद कि आपने मकान की मरम्त में खर्च किया है या नहीं आपको मकान की मरम्मत में किए गए सालाना खर्च में सीधे तौर पर 30 फीसदी की कटौती होती है।
- करदाता जिस घर में खुद रहता है उसकी वैल्यू को शून्य माना जाता है।
- संपत्ति की खरीदारी, निर्माण और रंगरोगन के लिए ली गई 2 लाख तक की उधारी की छूट मिलती है।
- अगर आप घर किराए पर देते हैं और उसके लिए आपने जो रकम उधार ली है उसके ब्याज की कटौती की जाएगी।
- मकान का पजेशन लेने तक किए गए ब्याज भुगतान की छूट उपरोक्त सीमा के अंतर्गत मिलती है। कुल राशि 5 बराबर हिस्सो में बांट दी जाती है।
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आय का तीसरे स्रोत में व्यापार या पेशे से होने वाली आय आती है।
अगली स्लाइड में पढ़े- आय के चौथे स्रोत में कैपिटल गेन से होने वाली आय को रखा जाता है।