लगातार छठे महीने गिरा निर्यात
नई दिल्ली: देश से वस्तुओं के निर्यात में गिरावट दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहा है पांच महीने से यह सिलसिला रुक नहीं रहा है। पिछले महीने निर्यात 20.19 फीसदी घटकर 2,234 करोड़ रुपये रह
नई दिल्ली: देश से वस्तुओं के निर्यात में गिरावट दिन प्रतिदिन देखने को मिल रहा है पांच महीने से यह सिलसिला रुक नहीं रहा है। पिछले महीने निर्यात 20.19 फीसदी घटकर 2,234 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल मई में देश से 2,800 करोड़ डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया गया था। निर्यात में गिरावट की वजह वैश्विक स्तद पर मांग में कमी और कच्चे तेल के दामों में गिरावट को बताया जा रहा है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में कुल निर्यात भी 17.21 फीसदी घटकर 4,440 करोड़ डॉलर रहा, जो अप्रैल-मई 2014 में 5,363 करोड़ डॉलर था।
निर्यात में गिरावट का कारण
मई में पेट्रोलियम के निर्यात में 59.10 फीसदी, रत्नों एवं आभूषणों में 12.94 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में 17.08 फीसदी और इंजीनियरिंग उत्पादों में 8.02 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिसिल के विश्लेषण के अनुसार मई के दौरान लगभग सभी वस्तुओं के निर्यात में कमी दर्ज की गई है, इसलिए आगे चलकर भी निर्यात कमजोर ही रहेगा। निर्यात में आई इस गिरावट के लिए मुख्य तौर पर पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में आई कमी जिम्मेदार है। पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में गिरावट की वजह कच्चे तेल के घटते दाम हैं लेकिन रत्न एवं आभूषणों का निर्यात घटना विदेशी बाजारों में मांग की कमी का संकेत है।
आयात भी गिरा
मई में आयात 3,275 करोड़ डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 16.52 फीसदी कम है। मई 2014 में 3,923 करोड़ डॉलर मूल्य के उत्पादों का आयात किया गया था। हालांकि अप्रैल के आंकड़ों से तुलना करें तो मई में व्यापार घाटा थोड़ा घटकर 1,040 करोड़ डॉलर रह गया है, जबकि अप्रैल में यह 1,100 करोड़ डॉलर था। अप्रैल-मई के दौरान कुल आयात 6,580 करोड़ डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,495 करोड़ डॉलर के आयात से 12.21 फीसदी कम है। इस साल अप्रैल-मई के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 2,139 करोड़ डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,132 करोड़ डॉलर था। मई के दौरान सोने का आयात 10.47 फीसदी बढ़कर 242 करोड़ डॉलर हो गया, जो पिछले साल मई में 219 करोड़ डॉलर रहा था।