नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा की दिल्ली की अशोक विहार ब्रांच से तथाकथित गैरकानूनी ढंग से 6172 करोड़ रुपए की राशि हांगकांग भेजे जाने के आरोप में शनिवार को सीबीआई ने इस ब्रांच पर छापा मारा है। सीबीआई के साथ ही प्रसवर्तन निदेशालय भी इस मामले की जांच कर रहा है। बैंक पर आरोप लगा है कि उसकी दिल्ली स्थित अशोक विहार ब्रांच में विभिन्न कंपनियों द्वारा खोले गए 59 खातों के जरिये दाल, चावल, सूखे मेवे और श्रृंगार का सामान खरीदने के नाम पर हांगकांग की कुछ चुनिंदा कंपनियों को डॉलर के रूप में 6,172 करोड़ रुपए की राशि गैरकानूनी ढंग से ट्रांसफर की गई है।
कैसे हुआ घपला
बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार ब्रांच में जो 59 खाते खोले गए थे उनमें नगद राशि जमा कराई जाती थी। इस रकम को विदेशों से सामान मंगाने के लिए एडवांस के तौर पर भेजने के लिए कहा जाता था। बैंक अधिकारी बिना किसी छानबीन और नियमों का उल्लंघन कर यह राशि भेज रहे थे।
क्या है नियम
सरकारी नियमों के मुताबिक यदि कोई बैंक डॉलर के रूप में कोई बड़ी रकम विदेश में भुगतान करता है तो वह पैसा भेजने वाली पार्टी से उस कंपनी की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहती है, जिसे यह पैसा दिया जाना है। बैंक पैसा लेने वाली पार्टी से लैटर ऑफ क्रेडिट की भी मांग करता है, जिसके तहत पैसा लेने वाली पार्टी को अपने यहां के बैंक की गारंटी देनी होती है। इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
कांग्रेस ने लगाया आरोप
मुख्य विपक्षी दल *कांग्रेस *ने आरोप लगाया है कि *राजग सरकार *के सत्ता में आने के दो महीने बाद यहां सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से पिछले साल 6,000 करोड़ रुपए से अधिक काला धन देश से बाहर भेजा गया। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों को खारिज कर दिया कि उनके शासन काल में कोई घोटाला नहीं हुआ है। मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए पार्टी प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि ऐसा घोटाला बैंकिंग नेटवर्क और वित्त मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हुआ होगा।