बंधन बैंक लघु, मझोले उद्यमों को कर्ज साहयता देगा, रोजगार के अवसर बढेंगे: जेटली
कोलकाता: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि नवगठित बंधन बैंक लाखों छोटे एवं मझोले उद्यमियों को वित्त सुविधा उपलब्ध कराएगा, रोजगार सृजित करेगा और कृषि क्षेत्र में गरीबी की समस्या का एक समाधान
कोलकाता: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि नवगठित बंधन बैंक लाखों छोटे एवं मझोले उद्यमियों को वित्त सुविधा उपलब्ध कराएगा, रोजगार सृजित करेगा और कृषि क्षेत्र में गरीबी की समस्या का एक समाधान प्रस्तुत करेगा। यहां बंधन बैंक का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में एक बड़े संस्थान का जन्म हो रहा है। बंधन बैंक ने आज 501 शाखाओं के साथ देश में अपना कामकाज आज शुरू किया। सूक्ष्म वित्त संस्थान के रूप में काम शुरू करने वाली कंपनी को वाणिज्यिक बैंकिंग कामकाज शुरू करने के लिये रिजर्व बैंक से जून में अंतिम मंजूरी मिली। जेटली के अनुसार बंधन बैंक के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक चंद्रशेखर घोष ने कहा है कि बैंक की प्राथमिकता लघु एवं मझोले उद्यम होंगे।
उन्होंने कहा, यह देश एवं राज्य की सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल है। वे एसएमई क्षेत्र के उद्यमी हैं, जिनमें से कई असंगठित क्षेत्र में हैं, जो आज भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जेटली ने कहा, दुकानों से लेकर खोमचे वाले छोटे उद्यमी देश में 11 ये 12 करोड़ रोजगार सृजित कर रहे हैं। बड़े संगठित उद्योग इसका छोटा हिस्सा ही सृजित करने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर बंधन बैंक की तरह निजी क्षेत्र की पहल जमीनी स्तर पर वित्त पोषण के प्रयास में शामिल होती है, तब छोटे उद्यमी अपने पैर पर खड़े हो सकते हैं।
अरूण जेटली ने कहा, देश के पूरे पूर्वी भाग में पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अगर हम लाखों की संख्या में छोटे उद्यमी तैयार करने में सफल हुए तो यह कृषि क्षेत्र की गरीबी के की समस्या का एक जवाब हो सकता है जो कि बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश भर में एसएमई क्षेत्र को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के कोष देने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर एसएमई जो कर्ज लेते हैं, उसे लौटा देते हैं और बैंक का फंसा कर्ज :एनपीए: का कारण यह क्षेत्र नहीं है। जेटली ने कहा, यदि ऐसे क्षेत्र के उद्यमियों को कर्ज की सुविधा मिलती रहे जिन्हें बैंक कर्ज नहीं मिलता था तो, ये वही लोग है जो रोजगार सृजित करते हैं और पर ये लोग सरकार से बहुत कम मदद लेते हैं। ये लोग जो धन उधार लेते हैं उसे वापस जा कर उसे लौटाते हैं। एनपीए :वसूल नहीं हो रही कर्ज की विशाल राशि: की समस्या के लिये निश्चित रूप से यह क्षेत्र :असंगठित क्षेत्र: जिम्मेदार नहीं है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र ने मुद्रा एजेंसी गठित की है जो धीरे-धीरे मुद्रा बैंक के रूप में विकसित होगा और इसका मुख्य मकसद ऐसेे क्षेत्र को कोष उपलब्ध कराना है, जिसे वित्त पोषण उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म वित्त संस्थान :एमएफआई: के रूप में बंधन पहले ही 7.5 लाख छोटे उद्यमियों को कर्ज दे चुका है। इन इकाइयों के फंसे कर्ज की दर एक प्रतिशत से कम है। उनमें से 99 प्रतिशत से अधिक संस्थान से कर्ज लेकन उससे कुछ न कुछ कमाई करते हैं। जेटली ने यह भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली परंपरागत बैंक शाखाओं की तुलना में अब अधिक-से-अधिक प्रौद्योगिक युक्त होगी। उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक ने 11 भुगतान बैंकों को मंजूरी दी है जहां अधिकतर लोग जिनके पास मोबाइल फोन है, बैंकिंग प्रणाली के सभी साधनों के जरिये सभी भुगतान करने में सक्षम होगा। ज्यादा-से-ज्यादा नकदी रहित लेन-देन व्यवस्था की दिशा में यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम होगा।
पिछले सप्ताह केंद्रीय बैंक ने 11 इकाइयों को सैद्धांतिक रूप से भुगतान बैंक शुरू करने की मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री ने कहा कि 11 करोड़ लोगों के सामाजिक क्षेत्र की बीमा योजनाओं को लेने तथा पेंशन योजनाओं की शुरूआत के साथ बैंकिंग गतिविधियों के विस्तार की जरूरत है ताकि इसका विस्तार कर लोगों को औपचारिक बैंकिंग दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, यह बिहार, ओडि़शा, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में बैंकिंग सुविधा का विस्तार है, इससे लोगों को उन अविश्वसनीय इकाइयों में निवेश करने से बचाने में मदद मिलेगी जिनके कारण पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में कई समस्याएं पैदा हो चुकी हैं।