नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को संसदीय गतिरोध के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अड़ंगेबाजी के कारण देश को आर्थिक क्षति पहुंच रही है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर राज्यसभा की चयन समिति को कांग्रेस द्वारा दिए गए सुझाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस सदस्यों ने सुझाव दिया है कि जीएसटी की दर संविधान में तय कर दी जानी चाहिए और यह 18 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस के सुझाव का तार्किक आधार हो सकता है।"
उन्होंने फेसबुक पर डाले गए पोस्ट में कहा, "लेकिन कर की दरें आम तौर पर संविधान में दर्ज नहीं की जाती हैं। दर का सुझाव जीएसटी परिषद की ओर से आएगा, जो विभिन्न पहलुओं के ध्यान में रखकर तय किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस शासित राज्य सरकारें प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं। कांग्रेस की भूमिका सिर्फ एक व्यवधान पैदा करने वाले का है।" गत महीने मानसून सत्र चालू होने के बाद से ललित मोदी विवाद और व्यापमं घोटाले जैसे मुद्दे के कारण संसदीय गतिविधि में लगाता गतिरोध पैदा हो रहा है।
मंत्रिमंडल ने चयन समिति द्वारा विधेयक में किए गए कुछ बदलावों को बुधवार को स्वीकार कर लिया। इन बदलावों में राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा राज्यों के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार का निश्चित रूप से पांच साल तक किए जाने वाला संशोधन भी स्वीकार किया गया है। मूल विधेयक में 'भरपाई की जा सकती है' जैसी अस्पष्ट शब्दावली इस्तेमाल की गई थी।