विधानसभा में दिए बयान को लेकर नीतीश कुमार पर चलेगा मुकदमा? अदालत में याचिका दायर
अपने बयान को लेकर विवादों में आए नीतीश कुमार हालांकि माफी मांग चुके हैं लेकिन उनके खिलाफ अब मामला अदालत में भी चला गया है। मुजफ्फरपुर की एक अदालत में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान को लेकर केस-मुकदमे की बारी आ गई है। दरअसल, मुजफ्फरपुर की एक अदालत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक दिन पहले राज्य विधानसभा में की गई टिप्पणी को लेकर उनपर मुकदमा चलाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई। स्थानीय निवासी और वकील अमिताभ कुमार सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार लाल की अदालत के समक्ष उक्त याचिका दायर की।
मामला सुनवाई के लायक-याचिकाकर्ता
अमिताभ कुमार सिंह ने कहा, ‘‘मेरी याचिका स्वीकार कर ली गई है और अदालत इस मामले में 25 नवंबर को सुनवाई करेगी। मैं यह याचिका देश का प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखने वाले मुख्यमंत्री की अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर दायर की है।’’ याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘आमतौर पर यह माना जाता है कि संसद या राज्य विधानमंडल के अंदर बोले गए शब्दों को कानूनी छूट प्राप्त है।’’ उन्होंने कहा कि उनका मामला सुनवाई के लायक है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानूनी छूट केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में कही गई बातों पर लागू होती है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री बोल रहे थे तो ऐसा नहीं था। याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में उनके शब्दों को अक्षरशः उद्धृत किया है और मुख्यमंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 डी, 504 और 509 के तहत मामला चलाने की मांग की है।
विधानसभा में दिया था अमर्यादित बयान
दरअसल, मंगलवार विधानसभा में पेश जाति जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो बातें कहीं उसके लहजे को लेकर लोगों काफी आपत्ति जताई थी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनसभा में उनकी जमकर आलोचना कर दी। हालांकि नीतीश कुमार अपने बयान को लेकर माफी भी मांग चुके हैं।
नीतीश ने मांगी माफी
नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि अगर उनकी किसी बात से किसी को कोई ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं।मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान और बाद में विधानसभा के अंदर भी नीतीश ने कहा, ‘‘अगर मेरी किसी बात को लेकर तकलीफ हुई है तो मैं अपनी बात को वापस लेता हूं और मैं अपनी निंदा करता हूं तथा दुख प्रकट करता हूं। आपने (विपक्षी सदस्यों ने) कहा कि मुख्यमंत्री शर्म करें, मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं, मैं इसके लिए दुख प्रकट कर रहा हूं। मैं इन सारी चीजों को वापस लेता हूं।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि वह महिला हितों के प्रबल पैरोकार रहे हैं। इस मुद्दे पर बीजेपी सदस्यों के सदन में आसन के समक्ष आकर हंगामा करने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप लोगों को आदेश आया होगा कि मेरी निंदा करो तो मैं अपने उस शब्द को वापस लेता हूं और आप जो भी मेरी निंदा करें मैं आपका अभिनंदन करता हूं।’’ जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए नीतीश ने मंगलवार को सदन में कहा था कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान रोक सकती है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अपनी उक्त टिप्पणी को वापस लेते हुए माफी मांगी और खेद प्रकट किया । (इनपुट-भाषा)