आमतौर पर हम सुनते आते हैं कि पति-पत्नी सुख-दुख के साथी होते हैं और ये सच कर दिखाया है कि बिहार के भागलपुर के नाथनगर के एक बुजुर्ग दंपति ने। दोनों ने एक-दूसरे का साथ अंतिम सफर तक निभाया, जहां से फिर कोई लौटकर वापस नहीं आता। दोनों की शवयात्रा भी साथ निकली और एक ही चिता पर दोनों को मुखाग्नि दी गई। यह पूरा मामला नाथनगर के मिर्जापुर गांव की है, जहां चंदा देवी ने शादी के सालों गुजर जाने के बाद भी उस समय किए गए वादे को अंतिम समय तक निभाया।
बुजुर्ग शख्स कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे
बताया जाता है कि पति विशुनदेव मंडल (80 वर्ष) की की मौत के कुछ ही घंटे के अंदर उनकी पत्नी चंदा देवी (70 वर्ष) की मौत हो गई। इसके बाद से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रमीणों के मुताबिक, मिर्जापुर गांव के रहने वाले विशुनदेव मंडल कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज घर पर ही चल रहा था। सोमवार दोपहर के बाद उनका निधन हो गया।
पति की मौत से दुखी चंदा देवी करने लगी विलाप
निधन की खबर आस-पास के लोगों को हुई तो सभी उनके घर पहुंच गए। घर का माहौल गमगीन हो गया। इस दौरान मंडल की पत्नी चंदा देवी भी उनके निधन से बहुत दुखी हो गई और विलाप करने लगी। इसके बाद उन्होंने भी अपना प्राण त्याग दिया। जिसने भी इस घटना को देखा और सुना आवाक रह गए। मंगलवार के दिन में दोनों की बैंडबाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें गांव के सभी लोगों ने शिरकत की। लोगों ने दोनों बुजुर्ग दंपति को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
Image Source : IANSपति की मौत के बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम
मृतक के परिजन बोले- दोनों में बहुत प्रेम था
दोनों शवों को एक ही चिता पर रखकर मुखाग्नि दी गई। इस घटना की चर्चा पूरे नाथनगर में हो रही है। मृतक दंपति के 5 पुत्र और 2 पुत्रियां हैं। मृतक के परिजनों के मुताबिक, इन दोनों में बहुत प्रेम था। दोनों एक दूसरे के पूरक बन गए थे। दोनों में लड़ाई झगड़ा या मनमुटाव भी शायद ही कभी होता था। ग्रामीण कहते हैं कि भले ही वे दोनों इस दुनिया को छोड़कर परलोक सिधार गए हो, लेकिन इस गांव में उनकी प्रेम कहानी हमेशा अमर रहेगी।