क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला? जिसमें लालू परिवार की गर्दन पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
लैंड फॉर जॉब स्कैम केस की जांच कर रही ED ने लालू परिवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पहले आरजेडी की सरकार का गिरना और अब लालू परिवार पर एक्शन को लेकर लालू की बेटी मीसा भारती ने बीजेपी पर कड़ा हमला बोला है तो बीजेपी ने करप्शन के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात कही है।
बिहार की राजनीति में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा लैंड फॉर जॉब घोटाले की हो रही है। लैंड फॉर जॉब मामले में घिरे लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और 2024 की शुरुआत के साथ ही लालू परिवार को एक के बाद एक झटका लग रहा है। 28 जनवरी को लालू फैमिली बिहार की सत्ता से बेदखल हो गई। कल लालू यादव से ईडी ने 10 घंटे तक पूछताछ की है तो आज तेजस्वी का नंबर है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से ईडी जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ करने वाली है।
10 घंटे की पूछताछ में लालू से ED ने पूछे 50 सवाल
सोमवार को लालू यादव को नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए पटना दफ्तर बुलाया था। 10 घंटे की पूछताछ में लालू से ईडी ने 50 सवाल पूछे। कहा जा रहा है कि सभी सवालों को ईडी ने वीडियो रिकॉर्ड किया है। जिस दौरान लालू यादव से पूछताछ की गई उस दौरान लालू यादव की बेटी मीसा भारती ईडी दफ्तर के बाहर डटी रही तो आरजेडी कार्यकर्ता भी पूरे दिन पटना के ईडी दफ्तर के बाहर खड़े थे। पहले आरजेडी की सरकार का गिरना और अब लालू परिवार पर एक्शन को लेकर लालू की बेटी मीसा भारती ने बीजेपी पर कड़ा हमला बोला है तो बीजेपी ने करप्शन के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात कही है।
है क्या लैंड फॉर जॉब घोटाला?
- 2004 से 2009 तक लालू यादव UPA-1 में रेल मंत्री थे
- लालू के मंत्री रहते रेलवे में ग्रुप D में भर्तियां की गई
- अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले घूस में ज़मीन ली गई
- लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं- ED की चार्जशीट
- लालू परिवार पर 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
बिना विज्ञापन जारी किए दी नौकरी
लालू यादव द्वारा किए गए इस घोटाले का पूरा मामला रेलवे भर्ती से संबंधित है। मामले में लालू पर वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उनके और परिवार द्वारा जमीन के बदले लोगों को नौकरी देने का आरोप है। सीबीआई द्वारा मामले में लालू के साथ उनके परिवार पर भी केस दर्ज किया गया है और आरोप है कि लालू ने परिजनों के नाम पर नौकरी के बदले जमीनें रिश्वत में ली थी। लालू पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना कोई विज्ञापन जारी कर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी।
मामले में यह भी साफ हुआ कि जिन लोगों को ये नौकरी मिली उन्हें अपनी जमीन तक देनी पड़ी। कई लोगों को तो आवेदन देने के 3 दिन में ही नौकरी दे दी थी। इसके तहत लोगों को जबलपुर, मुंबई, छत्तीसगढ़ और जयपुर आदि जगहों पर लगाया गया था।
4 करोड़ से ज्यादा की जमीन 26 लाख में हथियाई
CBI के अनुसार, लालू यादव ने मंत्री रहते हुए जिन लोगों को नौकरी दी उनसे रिश्वत में जमीन ले ली। लालू ने पत्नी राबड़ी और बेटी मीसा समेत कई परिजनों के नाम पर इन प्लॉट को लिया। सीबीआई के अनुसार आरजेडी नेता ने नौकरी के नाम पर 12 लोगों से 7 प्लॉट सस्ते में या बिना कुछ दिए हासिल कर लिए। लालू पर आरोप है कि उन्होंने लैंड फॉर जॉब घोटाले में बिहार के लोगों को ही नौकरी दी और करीब 4 करोड़ की जमीन 26 लाख में परिजनों के नाम करवा ली। ये सारे प्लॉट कुल मिलाकर करीब एक लाख स्क्वायर फीट से भी ज्यादा के थे।
लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू परिवार के 5 लोग आरोपी हैं। घोटाले में लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं।
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