पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिवसेना नेता संजय राउत के जनसंख्या नीति को लेकर दिए गए बयान पर सोमवार को कहा कि वह ऐसे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जनसंख्या नीति को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत के बिहार में भाजपा से नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग को लेकर पूछे गये सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘‘हम ऐसे लोगों की बातों का नोटिस नहीं लेते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ''दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले को जब हम लोगों ने सीबीआई को दिया था, उस समय भी ये लोग ऐसी ही बात करते थे। ऐसे लोगों की बात पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है।''
बता दें कि संजय राउत ने जनसंख्या नियंत्रण पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित मसौदा विधेयक का स्वागत करते हुए हाल में कहा था कि अगर जदयू नेता इस विधेयक का विरोध करते हैं तो भाजपा को बिहार में नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए। नीतीश ने कहा कि उन्होंने पिछले सोमवार को ही जनसंख्या नीति को लेकर कहा था कि इसको लेकर क्या करना चाहिए जो सबसे असरदार होगा और महिलाओं को शिक्षित करने से जनसंख्या पर नियंत्रण करने में सहूलियत होती है।
दिल्ली की सीमा पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि ये कुछ राज्यों की बात है। कुछ इलाकों में नए कृषि कानून को लेकर विरोध है। हालांकि, कोरोना के दौर में निरंतर आंदोलन करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कृषि नीति, किसी के खिलाफ नहीं है लेकिन कई इलाकों के लोगों के मन में इसको लेकर अलग-अलग भावना है तो फिर से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
वहीं, मंत्रियों के फोन टैपिंग के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि ये सब अच्छी बात नहीं है। किसी को इस तरह परेशान करना ठीक नहीं है। तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिये टैक्स कम करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा, '' दाम तो बढ़ रहा है और आप लोग जो सुझाव दे रहे हैं तो इस पर परामर्श किया जा सकता है। आपस में पहले हमलोग बात करेंगे, उसके बाद क्या रास्ता है, किस तरह से लोगों को राहत मिल सकती है, इस पर गौर करेंगे।''
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