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Hindi News बिहार Video: जीतन राम मांझी ने MSME मंत्रालय मिलते ही ठोंक लिया था माथा, फिर पीएम मोदी के एक वाक्य ने सब कुछ बदल दिया

Video: जीतन राम मांझी ने MSME मंत्रालय मिलते ही ठोंक लिया था माथा, फिर पीएम मोदी के एक वाक्य ने सब कुछ बदल दिया

जीतनराम मांझी ने गया के मोहनपुर में एक कार्यक्रम में खुद इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि MSME मंत्रालय मिलने के बाद उन्होंने अपना माथा ठोंक लिया था। हालांकि, पीएम मोदी के समझाने पर वह मान गए।

Jitan Ram Manjhi and PM Modi- India TV Hindi Image Source : PTI जीतनराम मांझी और पीएम मोदी

हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के नेता और सांसद जीतनराम मांझी ने कहा है कि MSME (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम) विभाग मिलने के बाद उन्होंने अपना माथा ठोंक लिया था। मांझी की पार्टी को बिहार में एक ही सीट मिली है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली केंद्र सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया है। एनडीए गठबंधन की सराकर में मंत्री बनने के बाद मांझी अपने विभाग से खुश नहीं थे, लेकिन बाद में पीएम मोदी ने उन्हें समझा लिया।

गया के मोहनपुर में हिंदुस्तान अवाम मोर्चा कार्यकर्ताओं ने जीतनराम मांझी के अभिनंदन समारोह का आयोजन किया था। आयोजित अभिनंदन समारोह में मंच से एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा "जब हम मंत्रालय का लिफाफा खोला तो देखा की msme मंत्रालय है। इसे देखकर माथा ठोक लिया कि यह कौन विभाग मिला है। सभी लोग पीएम से मिल रहे थे। हम मिलकर कहने जा रहे थे कि कौन विभाग मिला है। तभी पीएम ने कहा कि मांझी जी हमने आपको अपनी कल्पना का विभाग दिया है। मेरा यह सपना है उस सपना को पूरा करना है।"

अंबेडकर की बातों पर अमल न करने से नाखुश

मांझी ने कहा "डॉ. भीम राव अम्बेडकर की कही हुई बातो पर अमल क्यों नही किया जा रहा है। उनकी कही हुई बात थी। कॉमन स्कूलिंग सिस्टम होना चाहिए। राष्ट्रपति का बेटा हो या भंगी का बेटा सबको शिक्षा एक सामान मिले। यह नही है। अगर हम सिर्फ सांसद होते तो संसद में डंका की चोट पर यह आवाज को उठाते और कहते नहीं तो अम्बेडकर का नाम लेना बंद कीजिए। मंत्री बनने के बाद यह नहीं कह सकते है। हमारे सामने एक ढाल रख दी गई है।"

क्या है MSME मंत्रालय?

मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) मौजूदा उद्यमों को सहायता प्रदान करने और नए उद्यमों को प्रोत्साहित करके संबंधित मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के सहयोग से, खादी, ग्रामोद्योग और कयर उद्योग सहित एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देकर एक जीवंत एमएसएमई क्षेत्र की कल्पना करता है।"

(गया से अजीत कुमार की रिपोर्ट)