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Hindi News बिहार VIDEO: KCR की रैली में आमंत्रण नहीं मिलने पर नीतीश कुमार को बुरा तो नहीं लग गया?

VIDEO: KCR की रैली में आमंत्रण नहीं मिलने पर नीतीश कुमार को बुरा तो नहीं लग गया?

BRS की रैली में विपक्ष के कई दिग्गज नेता जुटे थे, ऐसे में नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी पर सियासी पंडितों की नजर एक बार जरूर गई।

Nitish Kumar News, Nitish Kumar KCR Rally, Nitish Kumar BRS Rally- India TV Hindi Image Source : PTI FILE बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

पटना: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने खम्मम में बुधवार को अपनी पहली बड़ी रैली की। इस रैली में राव ने विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं को आमंत्रण दिया गया था, तो कुछ छूट भी गए थे। जिन नेताओं को आमंत्रण नहीं मिला उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। जब नीतीश से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें तो इस बारे में पता ही नहीं क्योंकि हम दूसरे काम में लगे हुए हैं।

BRS की रैली में जुटे थे कई बड़े नेता
दरअसल, इस रैली में राव ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक को न्यौता दिया था। साथ ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत कम्युनिस्ट पार्टियों के भी तमाम बड़े नेता जुटे हुए थे। ऐसे में नीतीश का वहां न होना चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि कुछ ही महीने पहले KCR जब बिहार गए थे तो उन्होंने नीतीश के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस समय दोनों नेता विपक्षी एकता की बात बहुत जोर-शोर से कर रहे थे।

‘हम तो दूसरे काम में लगे हुए हैं’
गुरुवार को जब KCR की रैली में आमंत्रण न मिलने पर नीतीश से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम को नहीं पता, हम तो दूसरे काम में लगे हुए हैं। कोई अपनी पार्टी की मीटिंग करता है तो जिसको बुलाया होगा वे लोग गए होंगे। पार्टी की रैली थी, अच्छी बात है। अपना करें। हम लोग तो रात दिन दूसरे काम में लगे हैं इसलिए कोई चाहे भी तो हम कैसे चले जाएंगे?  वह सब कोई इशू नहीं है। यह मत समझिये कि एक जगह कुछ बन गया कई दलों का, ऐसा कुछ नहीं है।’

‘यहां भी तो आए थे बेचारे’
नीतीश कुमार ने आगे कहा, ‘यहां भी तो आए थे बेचारे। अभी यहां का काम करने दीजिये, आगे देखेंगे। क्या होगा, कितने लोग जुटेंगे, उसके आगे लग जायेंगे, मेरे अपने लिए कोई ख्वाहिश नहीं है। हम यही चाहते हैं कि विपक्ष के लोग एकजुट हो।’ बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति द्वारा हाल अपना नाम बदलकर बीआरएस करने के बाद यह पहली बड़ी जनसभा थी। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन में कई नेताओं को लाकर, बीआरएस ने राष्ट्रीय स्तर पर समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की दिशा में पहला कदम उठाया है।