बिहार में दो आईपीएस अधिकारियो को सस्पेंड कर दिया गया है। गया के एसएसपी रह चुके आदित्य कुमार डीजीपी से जालसाजी के मामले में संलिप्त पाए गए जिसके बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। आदित्य कुमार के अलावा पिछले दिनों आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। इस मामले में अब एसपी दयाशंकर के ऊपर भी गाज गिरी है और सरकार ने उन्हें भी सस्पेंड कर दिया है।
आईपीएस ने फर्जी चीफ जस्टिस बनाकर कराया कॉल
बता दें कि बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ शराबबंदी से जुड़े मामले में पैरवी के लिए हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल को EOU यानी आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया। उसने फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन कर कई बार केस खत्म करने के लिए कहा था। हैरानी की बात तो ये है कि मामले में DGP से क्लीन चिट भी मिल गई थी। लेकिन केस खत्म होने के बाद खुफिया इनपुट से सारा मामला खुल के सामने आ गया।
एसपी के ठिकानों से मिला था भारी कैश और सोना
गौरतलब है कि पूर्णिया के एसपी दयाशंकार के ठिकानों पर एसवीयू की रेड हुई थी। इस छापेमारी में एसपी दयाशंकर पर आय से 65% अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगा था। एसपी दयासंकर की एसवीयू छापेमारी में करीब 14.18 लाख नकद और 72 लाख रुपये का सोना मिला था। पूर्णिया में एसपी आवास के साथ पटना में एसपी के निजी आवास समेत 4 अन्य ठिकानों पर भी रेड की गई थी।
कौन हैं आईपीएस दयाशंकर
सस्पेंड हुए अधिकारी दयाशंकर 2016 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनपर आरोप है कि एसडीपीओ जगदीशपुर, एसपी शेखपुरा और एसपी पूर्णिया के पद पर रहते हुए इन्होंने वैध तरीके से 1.09 करोड़ और करीब 72.71 लाख रुपये की अवैध कमाई की है। एसपी दयाशंकर के ठिकानों पर एसवीयू और ईओयू ने रेड की थी। छापेमारी में पूर्णिया एसपी के अपने मातहत पुलिस पदाधिकारियों और बिल्डर के साथ सांठ गांठ कर काली कमाई के सबूत मिले थे।