पटना: बिहार की राजनीति में एकबार फिर से तूफान आने वाला है। इस बार तूफान उठने की उम्मीद नीतीश कुमार की पार्टी से है। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कल एक बड़ा राजनीतिक खुलासा करने वाले हैं। इस बाबत उन्होंने पटना में दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। माना जा रहा है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में वे JDU से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि इससे पहले जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा से इस्तीफा देने की मांग की थी।
'मीडिया के जरिए बातचीत की शुरुआत नीतीश कुमार ने की'
वहीं इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि वे कुछ खास सलाहकारों से घिरे हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वे पार्टी छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाले हैं और पार्टी को बचाने की अंतिम लड़ाई लड़ेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि मीडिया के जरिए मुझसे बातचीत की शुरुआत नीतीश कुमार ने की है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 2 साल में मुझे खुद से फोन नहीं किया, मैंने ही जब जरूरत हुई नीतीश कुमार से फोन कर बात की।
'जब जब पार्टी कमजोर हुई तब मेरी खोज हुई'
उन्होंने नीतीश कुमार के 'आए और गए' बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी के अध्यक्ष से लेकर अधिकांश लोग आए और गए वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बनने के बाद भी कई लोग सत्तासुख के लिए आए हैं। नीतीश कुमार के साथ सत्ता में बैठे ज्यादातर लोग आए गए वाले हैं। ज्यादातर नेता समता पार्टी के दौर से उनके साथ आते जाते रहे, मैं 'आए गए' वालों में से नहीं हूं। कुशवाहा ने साफ लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री अभी भी बुलाएंगे तो बात करने जाऊंगा। उन्होंने दावे के साथ यह भी कहा कि वे पार्टी में बुलाने पर ही आए हैं। जब जब पार्टी कमजोर हुई है तब उनकी खोज हुई है।
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