आज राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी के महासचिव श्याम रजक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफा पत्र में श्याम रजक ने अपना दर्द भी बयां किया है। इस्तीफे के पत्र में श्याम रजक ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने शायराना अंदाज में अपना दर्द लिखा कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।' खबरें हैं कि जल्द ही श्याम रजक एक बार फिर से जेडीयू में शामिल होंगे।
इस कारण लिया फैसला
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व विधायक ने इस्तीफा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नाम सौंपा हैं। हाल ही में आरजेडी ने मनोज झा को दोबारा राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना और संसद भेज दिया। वहीं, धोबी समाज से मुन्नी रजक को विधानपरिषद भेज दिया। बस यहीं श्याम रजक और आरजेडी की बीच दूरी पैदा हो गई। चर्चा है कि श्याम रजक को आरजेडी ने आश्वासन दिया था कि उन्हें विधान परिषद भेजेगी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया।
2020 में ज्वाइन की थी आरजेडी
2020 में श्याम रजक ने आरजेडी ज्वाइन किया था। श्याम रजक अगस्त 2020 में उद्योग मंत्री का पद त्यागने वाले ही थे कि जेडीयू ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया। इसके बाद रजक ने विधानसभा से पहले आरजेडी का हाथ धामा। उम्मीद थी क उन्हें पार्टी फुलवारी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाएगी, पर यह सीट माले के हिस्से चली गई और इस सीट से माले के उम्मीदवार गोपाल रविदास चुनाव जीत गए। फिर 2024 लोकसभा चुनाव में श्याम रजक समस्तीपुर सुरक्षित सीट से संसदीय चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के हिस्से चली गई और श्याम रजक हाथ मलते रह गए। जानकारी के लिए बता दें कि श्याम रजक 6 बार विधायक बन चुके हैं।
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