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बिहार के ये शिवभक्त, जिन्होंने मंदिर बनाने में झोंकी अपनी पूरी कमाई, अब मांग रहे चंदा

समस्तीपुर के रोसड़ा के रहने वाले शिवभक्त शिवशंकर महतो एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत के 50 लाख रुपये से ज्यादा लगा चुके हैं, लेकिन अभी भी मंदिर का निर्माण कार्य बाकी है।

मंदिर निर्माण करा रहे शिवभक्त शिवशंकर- India TV Hindi Image Source : IANS मंदिर निर्माण करा रहे शिवभक्त शिवशंकर

आपने अब तक कई शिवभक्तों की भक्ति देखी होगी और उनके बारे में सुना भी होगा, लेकिन बिहार में एक ऐसे शिवभक्त हैं जिन्होंने अपने जीवन की पूरी कमाई मंदिर बनाने में लगा दी और इसके बाद भी जब मंदिर पूरा नहीं हुआ तो अब चंदा मांग रहे हैं। यह पूरा मामला समस्तीपुर के रोसड़ा के रहने वाले शिवभक्त शिवशंकर महतो से जुड़ा है, जो एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। इनका दावा है कि अपनी मेहनत की 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि लगा दी, उसके बाद जब मंदिर निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ तो अब सुबह से शाम तक चंदा मांगते हैं और जो मिलता है उसे वे मंदिर निर्माण में लगा देते हैं।

मंदिर निर्माण कार्य 2007 से शुरू किया

लालपुर गांव के रहने वाले शिवशंकर महतो बताते हैं कि अपने गांव में इस मंदिर का निर्माण कार्य 2007 से प्रारंभ किया और फिर 2012 में इस मंदिर में भगवान की प्रतिमा स्थापित कराई। फिलहाल इस मंदिर में शिव, पार्वती, हनुमान, कार्तिक, गणेश और काल भैरव की पूजा हो रही है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां पूजा करने आते हैं। मंदिर निर्माण का कार्य कब तक पूरा होगा, इस प्रश्न के जवाब में शिवशंकर कहते हैं कि सब भोले बाबा की कृपा है। मंदिर निर्माण का कार्य भी उनके आदेश से शुरू हुआ था और अंत भी उनके आदेश से होगा।

Image Source : IANSमंदिर का नाम शिवशंकर धाम रखा गया

मंदिर निर्माण में गांव के लोग भी करते हैं सहयोग

महतो आज मंदिर के समीप एक खपड़ैल के मकान में पूरे परिवार के साथ रहते हैं। इनके चार बेटे और एक बेटी हैं। उन्होंने बताया कि इस मंदिर निर्माण में न केवल परिवारजनों का बल्कि गांव के लोगों का भी सहयोग मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर महाशिवरात्रि के दिन मेला लगता है और सावन में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा करने पहुंचते हैं। मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर वे दिलचस्प जानकारी देते हुए कहते हैं कि किशोर अवस्था में ही मुझे एक मंदिर निर्माण कराने की उत्सुकता जगी थी। इसके बाद बाहर कमाने चला गया, लेकिन वहां मन नहीं लगा। मजदूरी और ठेकेदारी कर कुछ पैसे कमाए। इसी दौरान उनका दावा है कि सपने में भगवान शिव और मां पार्वती आए और मंदिर निर्माण का आदेश दिया। इसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करवाया।

खुद का पैसा खत्म होने पर चंदा इकट्ठा करते हैं

2012 तक अपने पैसे से निर्माण कार्य चलता रहा और जब खुद का पैसा समाप्त हो गया तो अब चंदा इकट्ठा कर मंदिर में लगाता हूं। शिवशंकर महतो का काम अब पूजा करना और मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करना है। इनके बेटे सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते हैं। परिवार चलाने के लिए अपनी जमीन बटाई पर दे दी है, जिससे परिवार का खर्चा निकल जाता है। ग्रामीण भी शिवशंकर के प्रयास में सहयोग करते हैं। इस मंदिर का नाम भी शिवशंकर धाम रखा गया है। बहरहाल, यह मंदिर इस क्षेत्र के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। (IANS)

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