पटना: बिहार में बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आज दूसरा दिन है। राज्य के अलग-अलग जिलों के अभ्यर्थियों के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्यों से भी परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हुए हैं। सरकार ने इस परीक्षा को कराने के तमाम इंतजाम करने के दावे किए थे, लेकिन परीक्षार्थी इतनी बड़ी मात्रा में आये कि सभी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं। अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्रों पर तमाम परेशानियों का सामना करके पहुंच रहे हैं। वह रेलवे और बस स्टेशन पर बैठकर रिविजन कर रहे हैं।
सरकार को करनी चाहिए थी व्यवस्था- छात्र
इसी बीच कैमूर जिले में केंद्र पर पहुंचे छात्रों ने बदइंतजामी को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। उनका कहना है कि जब इतनी बड़ी परीक्षा अच्छा खासा शुल्क लेकर किया जा रहा है तो वैसे स्थिति में सरकार और जिला प्रशासन को व्यवस्थाओं को लेकर सोचना चाहिए। ना कोई कम्युनिकेशन रखा गया है कि परीक्षार्थी आने के बाद केंद्र पर कैसे पहुंचेंगे काफी परेशानी हो रही है। जहां का आटो किराया ₹5 है वहां ऑटो वाले ₹50 मांग रहे हैं। जिस होटल के कमरे का किराया ₹200 है वहां 2000 मांगा जा रहा है। जबकि ऐसे व्यवस्थाओं के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा नियत दर पर सुविधाओं को उपलब्ध कराना चाहिए।
ट्रेन से यात्रा के दौरान तमाम दिक्कतें हुईं- छात्र
छात्रों ने कहा कि सरकार इतनी बड़ी परीक्षा प्रति छात्र 750 रुपए शुल्क लेकर करा रही है। सरकार को पता है कि प्रदेश के बाहर से भी कई छात्र अप्लाई किए हैं वह आएंगे तो उसके हिसाब से व्यवस्थाएं करनी चाहिए थी। एक महीना पहले से रेलवे के सभी टिकट फुल हो गए। जैसे तैसे किसी तरह ट्रेन में खड़े होकर हम लोग 12 घंटे का सफर पूरा किया,यहां पहुंचे हैं उसके बाद यहां रहने सोने खाने सहित सभी प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ा है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने केंद्र नहीं देखा है, जिस वजह से ऑटो चालकों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। जहां का किराया ₹5 है वह 50 मांग रहा है, जिस होटल के कमरा का किराया 200 है वह 2000 मांग रहा है, काफी परेशानी हुई। शासन प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार का इंतजाम नहीं किया गया था।
रिपोर्ट- मुकुल जायसवाल
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