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Hindi News बिहार रुपौली उपचुनाव: कौन हैं निर्दलीय शंकर सिंह? जिन्होंने इंडिया गठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों को दी मात

रुपौली उपचुनाव: कौन हैं निर्दलीय शंकर सिंह? जिन्होंने इंडिया गठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों को दी मात

रुपौली उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह का कहना है कि यह जीत जनता की जीत है। जनता ने दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। उपचुनाव में मिली जीत से खुश शंकर सिंह ने कहा कि वे 30 सालों से जनता के बीच राजनीति नहीं, उनकी सेवा कर रहे हैं।

उपचुनाव में विजयी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह- India TV Hindi Image Source : FILE-IANS उपचुनाव में विजयी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह

पटनाः बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है। शंकर सिंह इंडिया गठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों को हराकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए। उन्होंने एनडीए के जेडीयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को आठ हजार से ज्यादा वोटों से हराया। सभी 13 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद शंकर सिंह को 68,070 वोट मिले, जबकि जेडीयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 वोट मिले और वह 8,246 मतों से हार गये। आरजेडी प्रत्याशी और पूर्व विधायक बीमा भारती को सिर्फ 30,619 मत मिले।

एलजेपी के टिकट पर 2005 में दर्ज की थी जीत

शंकर सिंह ने फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव से पहले वे लोजपा (रामविलास) से इस्तीफा देकर बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए।

कौन हैं शंकर सिंह

बिहार की राजनीति में शंकर सिंह जाना-पहचाना नाम है। शंकर सिंह की छवि बाहुबली की रही है। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर फरवरी 2005 जीत हासिल की थी हालांकि नवंबर 2005 में फिर से हुए चुनाव में वह हार गए। उत्तर बिहार लिबरेशन आर्मी के कमांडर रहे हैं। इस राजपूत मिलिशिया भी कहा जाता है।

इसके संस्थापक बूटन सिंह की 2000 में पूर्णिया अदालत में अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शंकर सिंह इसके उत्तराधिकारी बने। बताया जाता है कि दबंग छवि वाले शंकर सिंह का बीमा भारती के बाहुबली पति अवधेश मंडल के वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है। 

चुनाव जीतने के बाद शंकर सिंह ने कही ये बात

उपचुनाव में विजयी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह का कहना है कि यह जीत जनता की जीत है। जनता ने दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। उपचुनाव में मिली जीत से खुश शंकर सिंह ने कहा कि वे 30 सालों से जनता के बीच राजनीति नहीं, उनकी सेवा कर रहे हैं। मैं राजनीति नहीं सेवा करता हूं।

जाति समीकरण से जुड़े हुए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी जाति की राजनीति नहीं की, जमात की राजनीति की। मुझे जीत को लेकर पूरा विश्वास था। पक्ष और विपक्ष द्वारा पूरा जोर लगाए जाने के बाद भी जीत से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पक्ष विपक्ष नहीं होता। इससे कोई लेना -देना नहीं, जनता मेरे लिए सबकुछ है। 

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(IANS इनपुट के साथ)