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Hindi News बिहार आरजेडी आखिर क्यों चाहती है अपनी ही पार्टी के चार विधायकों की सदस्यता रद्द करवाना? स्पीकर को लिखा पत्र

आरजेडी आखिर क्यों चाहती है अपनी ही पार्टी के चार विधायकों की सदस्यता रद्द करवाना? स्पीकर को लिखा पत्र

आरजेडी ने विधायक नीलम देवी, प्रहलाद यादव, चेतन आनंद और संगीता कुमारी की सदस्यता रद्द कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव- India TV Hindi Image Source : FILE-PTI आरजेडी नेता तेजस्वी यादव

पटनाः राजद के चार विधायकों की सदस्यता रद्द करने को लेकर पार्टी ने स्पीकर नंद किशोर यादव को पत्र लिखा है। मोकामा विधायक नीलम देवी, सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव, शिवहर विधायक चेतन आनंद और मोहनिया विधायक संगीता कुमारी की सदस्यता दल बदल कानून का उल्लंघन करने के कारण रद्द करने के लिए स्पीकर से अनुरोध किया गया है। आरजेडी के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने इसको लेकर एक ज्ञापन जारी किया है।

चार विधायकों ने बदल लिया था पाला

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष जब राजद-कांग्रेस से नाता तोड़कर एनडीए से हाथ मिला लिया था। उस समय विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान इन सभी चार विधायकों ने नीतीश कुमार को समर्थन किया था। वे सत्ता पक्ष की ओर बैठने भी लगे थे।

क्या लिखा है पत्र में

8 जनवरी को लिखे पत्र में आरजेडी ने स्पीकर से कहा कि सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव, मोकामा विधायक नीलम देवी, शिवहर विधायक चेतन आनंद और मोहनिया विधायक संगीता कुमारी ने राष्ट्रीय जनता दल के विधायक के रूप से स्वेच्छा से दल का त्याग दिया है। संगीता कुमारी स्वेच्छा से भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनोनयन को भी स्वीकार कर चुकी हैं। अतः इन विधायकों की सदस्यता दल बदल कानून के तहत रद्द कर दिया जाए।

स्पीकर से मिला आरजेडी का प्रतिनिधि मंडल 

वहीं, महागठबंधन के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल विधानसभा अध्यक्ष से मिला। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि संविधान का ये खुलल्म खुल्ला उल्लंघन है। यदि अगले सत्र के पहले तक दल बदल क़ानून का उल्लंघन करने वाले इन विधायकों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हमलोग सदन मे हंगामा करेंगे। सदन की कार्यवाही चलने नहीं देंगे।

बता दें कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। अगर इन विधायकों की सदस्यता रद्द भी हो जाती है तो उपचुनाव संभवतः उपचुनाव की स्थिति पैदा न हो।