कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा में जदयू को छोड़कर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने जोरशोर से मुद्दा उठाया। विधानसभा के बजट सत्र में सदन में कांग्रेस ने हंगामा भी किया। महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस और भाकपा माले सहित अन्य घटकदलों के विधायकों ने विधानसभा परिसर में मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन से हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अलग रही।
बिहार में राहुल के समर्थन में हंगामा
सत्ताधारी दल के नेता विधानमंडल गेट से लेकर विधानसभा पोर्टिको तक पैदल मार्च करते हुए सदन पहुंचे। इस दौरान उनके हाथों में पोस्टर बैनर देखे गए जिसमें केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के विरोध में नारे लिखे हुए थे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अदालतों और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विरोधियों की आवाज का गला घोंट रही है। विधायकों ने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष मुक्त भारत बनाने की साजिश कर रही है। उनकी यह साजिश कभी सफल नहीं होगी।
क्या है मामला
गुजरात की सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी के मामले में दोषी ठहराया था। गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया। इसके तहत अधिकतम सजा दो साल है। हालांकि अदालत ने सजा को निलंबित कर 30 दिनों के भीतर अपील करने के लिए जमानत दे दी। बता दें कि एक रैली में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है। इसी मामले पर कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाई है।
(इनपुट-आईएएनएस)