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Hindi News बिहार BPSC Protest: छात्रों के समर्थन में प्रशांत किशोर ने शुरू की भूख हड़ताल, कल चक्का जाम करेंगे पप्पू यादव

BPSC Protest: छात्रों के समर्थन में प्रशांत किशोर ने शुरू की भूख हड़ताल, कल चक्का जाम करेंगे पप्पू यादव

बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में और शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति के जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर भूख हड़ताल पर बैठे गए हैं। उन्होंने कहा कि हम छात्रों के साथ खड़े हैं और अन्याय नहीं होने देंगे।

prashant kishor- India TV Hindi Image Source : INDIA TV बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर।

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के छात्रों और शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति के विरुद्ध जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे गुरुवार शाम 5 बजे से आमरण अनशन पर बैठे हैं। वहीं, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव आज शाम 6 बजे गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंचेंगे और बीपीएससी छात्रों के साथ धरने पर बैठेंगे। BPSC री एग्जाम की मांग को लेकर पप्पू यादव ने कल बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया है। इस दौरान वह नेशनल ओर स्टेट हाईवे के अलावा रेल को भी रोकेंगे।

'BPSC परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संदेह'

इससे पहले प्रशांत किशोर ने सोमवार को दावा था किया कि उन्हें पता चला है कि बीपीएससी की परीक्षा के जरिए भरे जाने वाले पदों के लिए "हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।” किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगभग दो सप्ताह से चल रहे आंदोलन पर "एक भी शब्द नहीं बोलने" पर भी निराशा व्यक्त की। वह कुमार के कभी करीबी सहयोगी हुआ करते थे।

सीएम नीतीश ने एक भी शब्द नहीं बोला- प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा, "पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करने के बावजूद अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं और जब वहां पत्रकारों ने आंदोलन के बारे में सवाल पूछने के लिए उनसे संपर्क किया तो उन्होंने एक भी शब्द नहीं बोला।” किशोर ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया था और वह शाम करीब 4 बजे तक अभ्यर्थियों से कहते रहे कि वे मुख्यमंत्री के बयान का इंतजार करें, जो शायद कोई ऐसा रुख अपनाएं जिससे गतिरोध खत्म हो सके, लेकिन मुख्यमंत्री चुप्पी साधे रहे। उन्होंने दावा किया “प्रदर्शनकारियों का मानना है कि बीपीएससी फिर से परीक्षा कराने का आदेश इसलिए नहीं दे रहा है, क्योंकि करोड़ों रुपये का पहले ही लेन-देन हो चुका है। 13 दिसंबर को हुई परीक्षा के जरिए जिन पदों को भरना था, उन्हें बिक्री के लिए रखा गया था।”

जानिए क्या है मामला

बीपीएससी द्वारा राज्यभर के 900 से अधिक केंद्रों पर आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में करीब पांच लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पटना के एक परीक्षा केंद्र पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र "लीक" होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया। बीपीएससी ने इसका खंडन करते हुए इसे परीक्षा को रद्द करवाने की एक "साजिश" बताया था, लेकिन उसने बाद में पटना के बापू परीक्षा केंद्र में इम्तिहान में शामिल हुए 10,000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश भी दे दिया था। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि कुछ अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराना समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ होगा और इसलिए पूरी परीक्षा रद्द कर दी जानी चाहिए और नए सिरे से आयोजित की जानी चाहिए।

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