Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी जनसुराज यात्रा पर बिहार के दौरे पर हैं। इस दौरान किशोर ने मंगलवार को दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर उन्हें साथ में काम करने के लिए बुलाए थे, लेकिन उन्होंने खुद ही मना कर दिया। इस क्रम में उन्होंने दावा करते हुए यह भी कहा कि एक बार जनबल खड़ा हो गया, कोई टिकने वाला नहीं है, लिखकर रख लीजिए।
2015 में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया- किशोर
किशोर अपनी पदयात्रा के दौरान गांवों तक पहुंच रहे हैं और जनसुराज के लिए समर्थन मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा कि हमारी मदद कीजिए। 2015 में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया। अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर बोले कि हमारे साथ काम कीजिए। हमने कहा कि ये अब नहीं हो सकता है।
बिहार में बदलाव के लिए उनसे फीस ले रहे हैं- प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3500 किलोमीटर चलकर गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाना है, वही करेंगे। एक बार जनबल खड़ा हो गया, कोई टिकने वाला नहीं है लिखकर रख लीजिए। जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसे को लेकर पूछे गए सवालों पर उन्होंने कहा, "किसी से आज तक पैसा नहीं लिए हैं, अब ले रहे हैं। बिहार में बदलाव के लिए उनसे फीस ले रहे हैं, जिनके लिए अब तक काम किया है, जिससे यह टेंट लगाया जा सके। मेहनत से, अपनी बुद्धि से 10 साल काम किए हैं, दलाली नहीं किए हैं।"
गांधी जयंती के मौके पर बिहार में जनसुराज यात्रा की शुरुआत
गौरतलब है कि गांधी जयंती के मौके पर प्रशांत किशोर ने बिहार में जनसुराज यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा था कि बेहतर और विकसित बिहार के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गांवों और कस्बों में 3500 किलोमीटर की पदयात्रा करूंगा। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोमवार को प्रशांत किशोर पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके जनसुराज यात्रा में फंडिंग कौन कर रहा है।