पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा पर शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में बहुत ही स्पष्टता के साथ अपनी बातें रख दी हैं और उनका इसमें कुछ ख़ास बोलने का कोई औचित्य नहीं है। कुमार ने नई दिल्ली प्रवास से वापसी के बाद पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून बनाये थे। यह केंद्र सरकार का निर्णय था। आज प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ही संसद के अगले सत्र में इसे वापस लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बहुत ही स्पष्टता के साथ अपनी बातें रख दी हैं।’’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने किसानों के हित में ये तीनों कृषि कानून परित किये थे लेकिन वह लोगों को इस संबंध में समझा नहीं पाए और इसलिए इन कानूनों को वापस लिया जा रहा है। कुमार ने कहा कि इसमें कुछ ख़ास बोलने का अब कोई औचित्य नहीं है। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कृषि कानून वापस लिए जाने संबंधी सवाल पर कुमार ने कहा, ‘‘इसके बारे में कौन क्या बोलता है, मालूम नहीं। सब अपनी-अपनी बातें बोलते रहते हैं लेकिन आज तीनों कृषि कानूनों के बारे में प्रधानमंत्री ने स्वयं अपनी बातें रख दी हैं। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। विपक्ष को भी अपनी बातें रखने का अधिकार है।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के जातीय जनगणना के वक्तव्य पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने क्या कहा हमें मालूम नहीं है। उनसे अभी हमारी कोई बातचीत नहीं होती है।’’ उन्होने कहा, ‘‘जातीय जनगणना को लेकर उनकी पार्टी के नेता और उनके (लालू प्रसाद) पुत्र तेजस्वी यादव समेत अन्य दूसरे लोगों ने हमसे मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री से भी हम लोगों ने इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र ने निर्णय स्पष्ट कर दिया है। इसके बाद हम लोगों ने भी बहुत साफ-साफ कह दिया है कि आपस में हम सब बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे।’’
कुमार ने कहा, ‘‘तेजस्वी यादव ने जो चिट्ठी लिखी थी, वह उनकी पार्टी की तरफ से आयी हुई है और वह चिट्ठी रखी हुई है। हम सब एक साथ सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लेंगे।’’ बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए। हम तो शुरू से ही कहते रहे हैं कि हर आदमी एक विचार का होगा, यह संभव नहीं है।’’ कुमार ने कहा कि विधि-व्यवस्था और अपराध के खिलाफ जैसी कार्रवाई होती है, उसी तरह इस पर भी पूरी सक्रियता के साथ कार्रवाई करनी है और इसके लिए फिर से व्यापक अभियान चलाया जायेगा।