Bihar News: पीएम मोदी का बिहार दौरा आतंकियों के निशाने पर था। जी हां, पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। 12 जुलाई को पीएम मोदी पटना पहुंचे थे। उनके दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग भी शुरू हो गई थी। जानकारी मिलते ही पुलिस ने यहां छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। कथित आतंकियों में से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा अहतर परवेज है। अहतर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का सगा भाई है। पटना के SSP ने बताया कि- ''हम रूटीन काम के दौरान ऐसे संस्थानों (पीएफआई) पर नजर रखते हैं। पीएम के आते ही हम अलर्ट पर थे। हमें इसकी जानकारी मिली और बारीकी से जांच शुरू की। 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुआ है जिनमें से 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।''
फुलवारी शरीफ में चल रही थी आतंक मचाने की ट्रेनिंग
पुलिस ने बताया कि मोहम्मद जलालुद्दीन और अहतर परवेज दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक मचाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। जानकारी के मुताबिक अहतर किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था और वहीं से वह देश विरोधी मुहिम चला रहा था। बताया जा रहा है कि अहतर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना था।
भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र
जानकारी के मुताबिक अहतर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन दोनों एनजीओ (NGO)के नाम पर आतंक की फैक्ट्री चला रहे थे। ज्यादातर यहां केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और देश के कई अन्य राज्यों से यहां युवा ट्रेनिंग लेने आते थे। पुलिस ने खुलासा किया है कि दोनों संदिग्धों का संबंध पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से है। इन देशों से फंडिंग हो रही थी। पुलिस ने बताया कि दोनों संदिग्ध आतंकवादियों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े हैं। पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, बुकलेट, पंपलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र किया गया है।