बीपीएससी परीक्षा में नहीं होगा नॉर्मलाइजेशन, छात्रों का धरना खत्म, कोचिंग संस्थानों पर अफवाह फैलाने का आरोप
एसएसपी ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के दौरान कोई भी प्रदर्शनकारी घायल नहीं हुआ। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा ‘‘एक पाली, एक पेपर’’ प्रारूप में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। बीपीएससी पहले ही परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी बदलाव से इनकार कर चुका है।
बिहार के पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों का धरना खत्म हो चुका है। बीपीएससी ने साफ किया कि इस साल परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू होगा। इसके बाद अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया। बीपीएससी की तरफ से एक प्रेस रिलीज के जरिये स्पष्ट किया गया कि नार्मलइजेशन का कोई प्रस्ताव था ही नहीं, ये अफवाह कोचिंग संस्थानों की तरफ से फैलाई गयी है। इससे पहले बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा के नियमों में कथित बदलावों को वापस लेने की मांग को लेकर पटना में स्थित आयोग के कार्यालय के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित होनी है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बेली रोड पर स्थित बीपीएससी कार्यालय के पास एकत्र हुए और वे बीपीएससी कार्यालय की ओर बढ़ना चाहते थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
बीपीएससी कार्यालय की तरफ जाने की अनुमति नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारी बेली रोड पर ही धरने बैठ गये और यातायात बाधित कर दिया, सुरक्षाकर्मियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने सड़क से हटने से इनकार कर दिया। मिश्रा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को बताया गया कि यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और यहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, लेकिन जब उन्होंने बात नहीं मानी तो अंत में उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया गया। एसएसपी ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के दौरान कोई भी प्रदर्शनकारी घायल नहीं हुआ। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा ‘‘एक पाली, एक पेपर’’ प्रारूप में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। बीपीएससी पहले ही परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी बदलाव से इनकार कर चुका है।
क्यों हो रहा बवाल
अभ्यर्थियों के एक समूह का मानना है कि बीपीएससी परीक्षा में ‘‘अंकों के सामान्यीकरण (नॉर्मलाइजेशन)’’ प्रक्रिया का उपयोग कर सकता है। ‘नॉर्मलाइजेशन’ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से दो या दो से अधिक पालियों में आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों को एक सांख्यिकीय सूत्र का उपयोग करके बराबर किया जाता है। अंत में अभ्यर्थी को प्राप्त अंकों के आधार पर प्रतिशत अंक दिया जाता है। एसएसपी ने लाठीचार्ज में दो-तीन छात्रों के घायल होने की खबरों का खंडन करते हुए कहा, ‘‘किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई है। पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
खान सर नहीं हुए गिरफ्तार
पटना स्थित ‘ट्यूटर’ और ‘यूट्यूबर’ खान सर भी छात्रों के समर्थन में आए। वह विरोध प्रदर्शन और धरना स्थल गर्दनी बाग के पास प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के साथ धरने पर भी बैठे। खान सर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बीपीएससी अध्यक्ष को तुरंत एक बयान जारी करना चाहिए कि नए प्रारूप (नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया) में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। आयोग को परीक्षा की तारीख भी बढ़ानी चाहिए क्योंकि कई अभ्यर्थी आयोग के सर्वर में तकनीकी समस्या के कारण आवेदन नहीं कर सके। जब तक बीपीएससी के अध्यक्ष स्पष्टीकरण जारी नहीं करते, हमारा धरना जारी रहेगा।’’ खान सर यूट्यूब और डिजिटल मीडिया के जरिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। खान सर को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसएसपी ने कहा कि वह स्वेच्छा से गर्दनी बाग पुलिस थाने गए थे और उन्होंने दोहराया कि आंदोलन जारी रहेगा। "छात्र सुबह से ही धरने पर बैठे हैं और सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई करे।"
बीपीएससी में शामिल होंगे 5 लाख अभ्यर्थी
ग्रुप ए और बी पदों पर भर्ती के लिए बीपीएससी एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित की जानी है। 925 केंद्रों पर आयोजित होने वाली परीक्षा में लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने भी मांग की थी कि बीपीएससी को परीक्षा की ‘‘नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया’’ पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। यादव ने एक बयान में कहा था, ‘‘बीपीएससी को परीक्षा आयोजित करनी चाहिए जैसे कि यह पहले आयोजित की जाती थी। इसे नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से प्रारंभिक परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए और आयोग को परीक्षा की तारीख भी बढ़ानी चाहिए।’’ (इनपुट- पीटीआई भाषा)