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Hindi News बिहार Bihar News: यूं ही नहीं CBI ने की 25 जगहों पर छापेमारी, यहां समझें लालू यादव लैड फ़ॉर जॉब केस का पूरा घटनाक्रम

Bihar News: यूं ही नहीं CBI ने की 25 जगहों पर छापेमारी, यहां समझें लालू यादव लैड फ़ॉर जॉब केस का पूरा घटनाक्रम

Bihar News: रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए लालू यादव ने जब वो रेल मिनिस्टर थे तो कई जोन्स जिसमे मुम्बई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली, पटना शामिल है यहां उन लोगो को नौकरी दी जिन्होंने अपनी जमीन या तो लालू यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems pvt limited के नाम की।

Bihar Former cm Lalu Yadav- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Bihar Former cm Lalu Yadav

Highlights

  • 7 प्रोपर्टी सेल डीड और गिफ्ट डीड के तौर पर लालू यादव और उनके परिवार ने एकॉयर कर रखी है
  • काफी कम दामो में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदी
  • किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था

Bihar News: सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम में बिहार में आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह समेत पांच नेताओं पर छापेमारी की है। जबकि गुरुग्राम स्थित मॉल में भी सीबीआई की रेड पड़ी है, जिसका संबंध लालू यादव के परिवार से बताया जा रहा है। सीबीआई ने गुरुग्रीम के सेक्टर 71 स्थित अर्बन क्यूबस मॉल में छापेमारी की है। लैंड फ़ॉर जॉब देने के मामले में CBI की गुरुग्राम में रेड हो रही है। आइये जानते हैं कैसे लालू यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन अपने और परिवार के नाम कराई। 

सीबीआई ने पहले प्रारंभिक जांच और फिर कैसे एफआईआर और जांच शुरू की

रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए लालू यादव ने जब वो रेल मिनिस्टर थे तो कई जोन्स जिसमे मुम्बई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली, पटना शामिल है यहां उन लोगो को नौकरी दी जिन्होंने अपनी जमीन या तो लालू यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems pvt limited के नाम की।

पहले सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच जिसे पीई कहते है दर्ज की और जांच शुरू की। सीबीआई के इंस्पेक्टर जयराज कटियार ने जांच पूरी करके जो रिपोर्ट सौंपी उसके मुताबिक साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगो को अलग अलग जॉन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया, इन लोगों ने जमीन के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी। अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले में भर्ती के लिए जो रूल्स और गाइडलाइंस होती है उनका उल्लंघन किया।

जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है उसे अलग अलग जॉन जैसे जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगो ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री भारत सरकार लालू यादव के नाम या AK infosystems pvt limited कंपनी के नाम कर दी।

किसने कैसे जमीन लालू और उनके रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर की।

1- लेट किशन देव राय ने जो पटना के महुबाग के रहने वाले है इन्होंने 3375 स्कॉयर फ़ीट जमीन राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के कन्सिड्रेशन पर कर दी और इसके बदले किशन देव के पोतों राजकुमार, मिथलेश और अजय कुमार को मुम्बई में ग्रुप डी की पोस्ट पर रखा गया।

2 - इसी तरह पटना के महुबाग के रहने वाले संजय राय ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन का पार्सल राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के सेल कंसइड्रेशन पर किया और इसके बदले संजय राय, धर्मेंद्र और विकास को मुम्बई में रेलवे में नौकरी मिली।

3- इसी तरह किरणदेवी जो बिन्दोल गांव थाना बिहता पटना की रहने वाली है इन्होंने जमीन का पार्सल 1 एकड़ 85(3/4) तकरीबन 80905 स्कॉयर फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम 3,70,000 के सेल कन्सड्रेशन पर ट्रांसफर की और इसके बदले इनके बेटे अभिषेक कुमार को 2008 में मुम्बई में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली।

4 - महुबाग के हजारी राय ने अपनी जमीन तकरीबन 9527 स्कॉयर फीट जमीन AK INFOSYSTEM PV LMT दिल्ली बेस्ड कंपनी का नाम 10,83000 के सेल कन्सिड्रेशन पर कर दी और इसके बदले इनके दो नेवफ्यू दिलचन्द और प्रेम कुमार को जबलपुर और कलकत्ता रेलवे में नौकरी मिली। जांच में सामने आया कि AK INFOSYSTEM  कंपनी एसेट्स के सभी अधिकारी लालू यादव की पत्नी राबड़ी और बेटी के नाम 2014 मे किए गए थे और बाद में ये कंपनी की डायरेक्टर भी बने थे।

5 - ऐसे ही महुबाग के लेट लाल बाबू ने अपनी जमीन 1360 स्कॉयर फीट राबड़ी देवी के नाम 13 लाख के सेल कन्सडिरेशन पर की थी इसके बदले में इनके बेटे लाल चंद को 2006 में नौकरी दी गई जयपुर रेलवे जॉन में।

6 - महुबाग पटना के ब्रज नन्दन ने अपनी जमीन 3375 स्कॉयर फीट हरदयानंद चौधरी जो गोपालगंज के रहने वाले है उनके नाम 4,21,000 के सेल कन्सिड्रेशन पर कर दी। जांच में पता लगा कि हरदयानंद चौधरी को 2005 में हाजीपुर में अपाउंट किया गया था और इसने ये जमीन गिफ्ट डीड के तौर पर हिमा यादव लालू की बेटी के नाम कर दिया। हरदयानंद लालू का रिलेटिव नही है और इस जमीन की कीमत सर्कल रेट के हिसाब से उस वक्त 62,10,000 का था।

7 - महुबाग के विशन देव ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन सिवान के रहने वाले लल्लन चौधरी के नाम क। इसके बदले इनके पोते पिंटू कुमार को 2008 में मुम्बई में जॉब दी गई। जांच में पता लगा कि लल्लन चौधरी ने गिफ्ट डीड के तौर पर ये जमीन मीसा यादव के नाम कर दी सर्कल रेट इस जमीन का उस वक्त करीब 62,10,000 था।

काफी कम दामो में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदी

जांच के हिसाब से ये 7 प्रोपर्टी सेल डीड और गिफ्ट डीड के तौर पर लालू यादव और उनके परिवार ने तकरीबन 1,05,292 स्कॉयर फीट एकॉयर कर रखी है। सभी लेंड की पेमेंट कैश दिखाई गई थी। करंट समय मे इन सभी लेंड की टोटल कीमत 4,39,80,650 है। जांच में सामने आया कि सर्कल रेट से बेहद कम दामो में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदी जबकि इन जमीनों की सर्कल रेट से कॉफी ज्यादा कीमत थी। जांच में सामने आया कि इन जोन्स में किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था।

लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और बाकी आरोपी जिन्होंने जमीन के बदले नौकरी ली इनके ख़िलाफ़ आईपीसी 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 11,12 (1988), 13(2) 13(1) (d) प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 दर्ज किया गया। अब इस केस की जांच एफआईआर 18 मई 2022 को दर्ज करने के बाद आईओ रूपेश कुमार श्रीवास्तव एसपी संदीप कुमार शर्मा की देखरेख में कर रहे है। इसी सिलसिले में आज 25 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी जारी है। जिसमें लालू और तेजस्वी के करीबी और तेजस्वी के मॉल शामिल है।