पटना: बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में आरोप लगाया कि राज्य में नीतीश कुमार सरकार का नेतृत्व एक ‘‘थके हुए’’ मुख्यमंत्री कर रहे हैं और सरकार उनकी सहयोगी भाजपा द्वारा "रिमोट कंट्रोल" के जरिये चलायी जाती है। राजद नेता ने यह बात इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कही। प्रसाद के पास वित्त विभाग भी है।
यादव लगभग एक घंटे तक बोले और इस दौरान 71 वर्षीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बार-बार ‘‘थके हुए’’ विशेषण का इस्तेमाल किया। यादव ने कुमार पर ‘‘वही दोहराने’’ का आरोप लगाया ‘‘जो लोग सड़कों पर कहते सुने जा सकते हैं।’’ 2005 के बाद से अधिकांश समय बिहार पर शासन करने वाले राजग पर तंज कसते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री यादव ने सवाल किया कि राज्य में अभी भी 50 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे क्यों है।
उन्होंने विशेष राज्य के दर्जे की बार-बार मांग करने के लिए भी राज्य सरकार का मखौल उड़ाया और इस पर आश्चर्य जताया कि इसमें अड़चन क्यों है जबकि मुख्यमंत्री की जद (यू) केंद्र में भी भाजपा सरकार में भागीदार है। यादव ने तंज कसते हुए सवाल किया, ‘‘आप किससे विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं? अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार राज्य के बजट में बढ़ोतरी एवं राज्य बजट के दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का होने को लेकर ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन परिव्यय का एक बड़ा हिस्सा अक्सर अप्रयुक्त रहता है।
राजद नेता के "आरसीपी टैक्स" शब्द कहने से जद (यू) के सदस्य नाराज हो गए। यादव इस शब्द का इस्तेमाल नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी को संदर्भित करने के लिए करते रहे हैं जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। जब जद (यू) के विधायकों ने इसका विरोध किया, तो यादव ने जवाब दिया, ‘‘मैंने कोई नाम नहीं लिया है। मैंने कुछ भी असंसदीय नहीं कहा है। यदि आप भ्रमित हैं, तो मैं समझाता हूं कि आरसीपी से मेरा मतलब ‘रिजर्व’, ‘कमीशन’ और ‘प्रिवलेज’ है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘वह मैं नहीं था जिसने सिर्फ एक पखवाड़े के भीतर पार्टी के खजाने में 100 करोड़ रुपये आने का दावा किया था।’’ उनका इशारा परोक्ष तौर पर प्रदेश जद (यू) अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के हालिया दावे की ओर था।
इनपुट-भाषा