पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 15 दिनों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने से कतराते रहे हैं। प्रधानमंत्री 30 दिसंबर को कोलकाता में 'नमामि गंगे' कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं। नीतीश कुमार ने वहां नहीं जाने का फैसला किया है और कहा है कि इस कार्यक्रम में वह अपने डिप्टी तेजस्वी यादव को भेजेंगे।
केंद्र ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और अन्य सहित सभी उत्तर और पूर्वी भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया है। सूत्रों ने बताया कि ममता इस कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं, लेकिन नीतीश कुमार इसमें शामिल नहीं होंगे।
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हाल ही में कोलकाता में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया। उस मौके पर भी उन्होंने तेजस्वी यादव और राज्य के वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी को भेजा था।
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, "वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उनके पास यहां कई काम हैं, इसलिए वह वहां नहीं जा रहे हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का सामना करने से बच रहे हैं, झा ने कहा, "वह ऐसा क्यों करेंगे। वह जननेता हैं और उन्हें जनता का भारी समर्थन प्राप्त है।"