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Hindi News बिहार विपक्ष को आम खिलाकर निकालेंगे काम! बैठक के बाद सभी नेताओं को नीतीश कुमार देंगे पेटियां

विपक्ष को आम खिलाकर निकालेंगे काम! बैठक के बाद सभी नेताओं को नीतीश कुमार देंगे पेटियां

आज पटना में विपक्ष की बैठक में 15 दलों ने भाग लिया जिसमें 27 नेता पहुंचे। 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर विपक्षी दलों की बैठक की गई है। इस बैठक के बाद नीतीश ने सभी नेताओं के लिए दूधिया मालदा आम का इंतजाम किया है।

duydhiya malda aam- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पटना में विपक्ष की बैठक के बाद नेताओं के दिए जाएंगे दूधिया मालदा आम

पटना: बिहार की राजधानी पटना में आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की। दोपहर 12 बजे से 2 बजे यानी करीब 2 घंटे तक इन नेताओं की बंद कमरे में बैठक हुई। संयुक्त विपक्ष की इस बैठक का क्या हासिल निकलेगा वो तो और बात है लेकिन इस बैठक के बाद सभी विपक्षी नेताओं के लिए नीतीश ने आम पेटियों का इंतजाम किया है। बता दें कि विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेने के लिए करीब 15 दलों के कुल 27 नेता शामिल हुए। सीएम नीतीश इन सभी नेताओं को दीघा का दूधिया मालदा आम सप्रेम भेंट करेंगे।

15 दलों के नेताओं को आम भेंट करेंगे नीतीश
बता दें कि बिहार में विपक्षी दलों की बैठक आज पटना में  शुरू हुई। 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर विपक्षी दलों की बैठक की गई है। इस बैठक में तमाम बड़े नेता, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी भाग लिया। पंजाब के मुख्यमंत्री भागवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ विपक्षी दलों के 15 दलों ने भाग लिया जिसमें 27 नेता शामिल हुए हैं। नीतीश कुमार ने इन सभी नेताओं के लिए दूधिया मालदा आम पटना के दीघा से मंगाया है जिसे सप्रेम भेट करेंगे। 

महारानी विक्टोरिया भी इस आम की थीं दीवानी 
गौरतलब है कि बिहार में दूधिया मालदा आम के दीवानों की सूची पहले से ही बहुत लंबी है। कहा जाता है कि इस आम की दीवानी ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया भी थीं। असल में लखनऊ के नवाब फिदा हुसैन ने इस आम को पटना के दीघा में लगाया था। वह पाकिस्तान के इस्लामाबाद से इस आम के पौधे लाए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के दीघा दूधिया मालदा आम सभी विपक्षी पार्टियों को सप्रेम भेंट करेंगे।

मीटिंग में नहीं बन पा रहा एक फॉर्मूला
विपक्ष की मीटिंग को लेकर सूत्रों ने बताया कि बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में शामिल किसी भी दल को खुद को बड़ा समझने की खुशफहमी नहीं पालनी चाहिए। जाहिर है ममता का निशाना कांग्रेस की तरफ था। कहा जा रहा है कि ममता ने कांग्रेस हाईकमान से साफ-साफ कह दिया कि वो पश्चिम बंगाल में अपने लोकल लीडर्स को कंट्रोल करे। ममता बंगाल में अधीर रंजन चौधरी से परेशान हैं। वहीं अखिलेश यादव ने मीटिंग में फिर अपना पुराना फॉर्मूला दोहराया। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत है, वहां उसी को चुनाव लड़ने देना चाहिए। लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस फॉर्मूले से उत्साहित नहीं है।

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