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Hindi News बिहार 'महादलित टोले' में मिले बुजुर्ग को देखकर चौंक गए नीतीश, जानें क्यों किया अपनी उम्र का जिक्र

'महादलित टोले' में मिले बुजुर्ग को देखकर चौंक गए नीतीश, जानें क्यों किया अपनी उम्र का जिक्र

गांधी मैदान में तिरंगा फहराने के बाद सीएम नीतीश दानापुर के एक 'महादलित टोले' का दौरा किया और परंपरा के अनुसार वहां के सबसे बुजुर्ग निवासी रामाशीष राम ने झंडा फहराया।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार- India TV Hindi Image Source : PTI स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को उस वक्त भौंचक रह गए जब उन्हें पता चला कि पटना के दानापुर में 'महादलित टोले' में सबसे बुजुर्ग शख्स उनसे कई साल छोटे हैं। राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने पटना में ऐतिहासिक गांधी मैदान में तिरंगा फहराने के बाद दानापुर के एक 'महादलित टोले' का दौरा किया और परंपरा के अनुसार वहां के सबसे बुजुर्ग निवासी रामाशीष राम ने झंडा फहराया।

"बताइए, मैं तो 74 साल का हूं" 

अपने संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने रामाशीष की ओर मुड़कर उनसे उनकी उम्र पूछी। रामाशीष का जवाब सुनते ही नीतीश बोले, "अभी 70 भी नहीं हुआ है। 69 साल के ही हैं। बताइए, मैं तो 74 साल का हूं और तुम अभी 69 साल के हो। हम तो समझ रहे थे कि तुम ज्यादा उम्र के होगे। तो ऐसा क्यों है, मजबूती से रहिए। खेलिए-कूदिए, घूमिए, सब जगह जाईए, तब अच्छा स्वास्थ्य रहेगा। ये हम आपको बता रहे हैं। हम नहीं बताते तो क्या यह पता चलता कि मेरी उम्र 74 साल है।"

उम्र को लेकर विपक्ष के निशाने पर

नीतीश कुमार की उम्र को लेकर विपक्षी पार्टी आरजेडी और रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर जैसे उनके आलोचक उन्हें निशाना बनाते रहते हैं। हालांकि, एक अनुशासित दिनचर्या के कारण नीतीश कुमार किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं, लेकिन अधिक उम्र के चलते अनियंत्रित व्यवहार और सार्वजनिक रूप से जुबान फिसलने के कई उदाहरणों ने उनके स्वास्थ्य को लेकर में अटकलों को जन्म दिया है।

गांधी मैदान में फहराया तिरंगा 

बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिरंगा फहराया। इस दौरान अलग-अलग विभागों की 13 मनमोहक झांकियां निकाली गईं। इसके अलावा परेड में बेस्ट परेड प्रोफेशनल का पुरस्कार एसटीएफ को मिला, जबकि नॉन-प्रोफेशनल का पुरस्कार मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग को दिया गया। परेड कमांडर का पुरस्कार दानापुर एएसपी दीक्षा को प्रदान किया गया।

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