बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर 1700 करोड़ की लागत से बन रहा पुल जमींदोज हो गया। निर्माणाधीन पुल के गिरने के बाद बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इसे लेकर जहां बीजेपी नीतीश सरकार को घेर रही है, वहीं राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सफाई आई है। नीतीश कुमार ने कहा कि कल जो पुल गिरा था वह पिछले साल भी टूटा था। मैंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण सही ढंग से नहीं हो रहा है, जिससे यह बार-बार गिर रहा है। विभाग इस पर गौर करेगा और कार्रवाई की जाएगी।
"करप्शन के लिए टेंडर में बार-बार हेरफेर किया"
भागलपुर पुल गिरने को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के खेल में शामिल होने का आरोप लगाया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि पूरा खेला नीतीश कुमार का है। 9 साल से ये पुल बन रहा है और सीएम नीतीश ने करप्शन के लिए टेंडर में बार-बार हेरफेर किया। काम को अटकाया, लटकाया और इसी का नतीजा है कि 1700 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट इस वक्त पानी में समा चुका है।
"चाचा-भतीजा को इस्तीफा दे देना चाहिए"
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांग है। केंद्रीय मंत्री ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि पुल गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चाचा-भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) को इस्तीफा दे देना चाहिए। अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह निर्माणाधीन पुल 2 बार गिर चुका है, नीतीश तेजस्वी में नैतिकता बची हुई है तो वे तुरंत इस्तीफा दें।
"पुल गिरने के बाद एक व्यक्ति लापता"
परबत्ता अंचल अधिकारी चंदने कुमार ने बताया, "पुल गिरने के बाद एसपी सिंगला कंपनी में गार्ड के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। उसका शव अभी बरामद नहीं हुआ है। उसका पता लगाने के लिए SDRF और NDRF की टीमें तलाश कर रही हैं।" सुल्तानगंज के एसआई, एसडीआरएफ बीरेंद्र कुमार बताया कि SDRF की 4 नावें यहां हैं। 2 एक तरफ और 2 दूसरी तरफ है, इनसे निरीक्षण किया जा रहा है।
पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में फॉल्ट- तेजस्वी
वहींं, पुल गिरने पर तेजस्वी यादव ने कहा, "ये पहली बार नहीं हुआ है, अप्रैल 2022 में भी यह निर्माणाधीन पुल गिरा था और उस वक्त नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हमने इस पर सवाल भी उठाए थे।" तेजस्वी यादव ने कहा, "पथ निर्माण विभाग का काम संभालने के बाद हमने इस पुल की जांच आईआईटी रुड़की से कराई, जिसके आधार पर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में फॉल्ट पाया गया। इसके बाद क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर फिर से उसे बनाने का काम शुरू किया गया। अभी इस पुलिस के पिलर नंबर पांच को लेकर आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट आनी है। हमने पहले ही इस पुल को लेकर आशंका जताई थी।"