पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर सदन में चर्चा के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कुछ ऐसा बोल गए कि सदन में मौजूद महिला और पुरुष विधायक भी झेंप गए। नीतीश कुमार के इस बयान को लोग बेहद अभद्र बता रहे हैं। एक मुख्यमंत्री की तरफ से विधानसभा में इस तरह के दिए गए बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। मुख्यमंत्री जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर बोलते समय शायद यह भूल गए कि वो सदन में बोल रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को बताया उसे लोग अभद्र और अमर्यादित मान रहे हैं।
सीएम के लहजे से झेंप गए विधायक
दरअसल, जाति आधारित जनगणना को लेकर विधानसभा में पेश रिपोर्ट पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान नीतीश कुमार ने जहां आरक्षण का दायरा बढ़ाने की बात कही वहीं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर वे कुछ ऐसा बोल गए जिससे कई विधायक भी झेंप गए। हालांकि मुख्यमंत्री उसी बात को कुछ अलग तरीके से बयान कर सकते थे लेकिन उनका लहजा ऐसा था कि सदन में मौजूद पुरुष और महिला विधायक भी अवाक रह गए।
नीतीश के बचाव में आए तेजस्वी
महिला बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह ने रोते हुए नीतीश कुमार के भाषण पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह से सदन में नहीं बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रतिक्रियाएं आने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बचाव में आगे आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेक्स एजुकेशन की बात रहे थे। इसको दूसरे अर्थों में नहीं लिया जाना चाहिए।तेजस्वी के इस बयान पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसा तो किताबों में नहीं पढ़ाया जाता। तेजस्वी सेक्स एजुकेशन का टीचर रख लें।