बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नीत एनडीए का साथ छोड़ कर राज्य में महागठबंधन के साथ सरकार के बनाने के लिये RJD के साथ वापस हाथ मिला लिया है। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली है। लेकिन इस बीच एनडीए से अगल होते ही JDU के सुर एख दम से बदले हुए दिखाई पड़ रहे हैं। नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी को लेकर JDU अध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है।
नीतीश को लेकर क्या बोले ललन सिंह
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बयान दिया कि हमने कहा है कि नीतीश कुमार पीएम पद के दावेदार नहीं हैं, लेकिन उनमें प्रधानमंत्री बनने के लिए सारे जरूरी गुण हैं। ललन सिंह ने आगे कहा कि एक बार जब नई सरकार काम करना शुरू कर देगी, तो हम दिल्ली जाएंगे और विपक्षी नेताओं से मिलकर पूरे भारत में बीजेपी के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए तैयारी करेंगे।
उपराष्ट्रपति पद की चाहत पर नीतीश का जवाब
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे, लेकिन जब उनकी हसरत पूरी नहीं हुई तो उन्होंने भाजपा से रिश्ता तोड़ लिया। लेकिन नीतीश कुमार ने कल बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के इस दावे को "बकवास और फर्जी" करार दिया। पटना में जब पत्रकारों ने नीतीश से पूछा कि क्या उपराष्ट्रपति नहीं बनाए जाने के कारण उन्होंने एनडीए छोड़ा तो इस पर, नीतीश ने कहा, "हमारे उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा वाली बात बकवास है। हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी।" उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमारी पार्टी ने पूरी तरह से एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया था। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही हमने पार्टी की बैठक की।"
"बीजेपी ने सुशील मोदी को रोड पर रख दिया"
बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके शुशील मोदी के आरोप को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने खारिज करते हुए उनपर कटाक्ष किया कि नीतीश जी के साथ सुशील जी के अच्छे संबंध थे, जिस कारण भाजपा ने उन्हें सजा दी थी और उन्हें रोड पर रख दिया। उन्होंने सुशील के बारे में कहा, ‘‘अब कुछ बोलकर अगर उनका पुनर्वास हो जाता है तो उसमें हमें दिक्कत नहीं है, वे अपना कराएं लेकिन जो कुछ उन्होंने कहा है वह सफेद झूठ है।’’