'पीएम मैटेरियल' होने संबंधी पार्टी नेताओं के बयान से नीतीश ने किया किनारा
कुशवाहा ने कुछ हफ़्ते पहले नीतीश को 'पीएम मैटेरियल' बताया था और रविवार को जद (यू) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित प्रस्तावों में कहा गया कि कुमार शीर्ष पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन उनके नेता में इसके लिए सभी गुण विद्यमान हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं द्वारा उन्हें 'पीएम मैटेरियल' बताए जाने संबंधी टिप्पणियों से मंगलवार को किनारा करते हुए कहा कि ये सब फालतू बातें हैं। दरभंगा और मधुबनी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करने के बाद पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से मंगलवार को बातचीत के दौरान नीतीश से उनकी पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें 'पीएम मैटेरियल' बताए जाने के संबंध में सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये सब फालतू बातें हैं और इसकी चर्चा मत कीजिए। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी की बैठक में नेताओं के मन में जो आता है, वे बोल देते हैं। हमारी पार्टी की बैठक इसके लिए नहीं थी, बल्कि यह किसी दूसरे काम के लिए बुलाई गई थी।’’
पार्टी के अध्यक्ष के निवार्चन का अनुमोदन और पार्टी के संविधान में संशोधन के साथ ही जाति आधारित जनगणना को लेकर बैठक में चर्चा हुई। नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘पार्टी के किसी नेता के विचारों का मतलब यह नहीं है कि यह पूरी पार्टी का निर्णय है। इसे लेकर क्षमा कीजिए। हम इन सब बातों को नहीं जानते हैं।’’ पटना स्थित जदयू मुख्यालय में 29 अगस्त को आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए जदयू के प्रधान महासचिव और प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा था कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है, लेकिन वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं है।
त्यागी ने कहा था कि उनकी पार्टी मजबूती के साथ एनडीए का हिस्सा है जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है, लेकिन वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं।’’ जद (यू) संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को 'पीएम मैटेरियल' बताते हुए सोमवार को कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री के लिए सत्ता की सर्वोच्च सीट का दावा नहीं कर रहे हैं लेकिन ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तो संख्या बल की समस्या नहीं होगी।
वह बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जता रहे थे कि प्रधानमंत्री बनने के लिए 272 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है और जनता दल (यूनाइटेड) के अपने दम पर इतनी सीटें जीतने की संभावना नहीं है। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम वर्तमान में प्रधानमंत्री पद पर दावा नहीं कर रहे हैं। हम राजग के साथ हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं। लेकिन अगर लोग भविष्य की बात करें तो किसी भी चीज को असंभव कहकर खारिज नहीं किया जा सकता है।’’
कुशवाहा ने कुछ हफ़्ते पहले नीतीश को 'पीएम मैटेरियल' बताया था और रविवार को जद (यू) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित प्रस्तावों में कहा गया कि कुमार शीर्ष पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन उनके नेता में इसके लिए सभी गुण विद्यमान हैं। कुशवाहा ने रविवार की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब मैंने पहली बार नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के योग्य होने की बात कही थी तो आप में से कई लोगों ने मेरा उपहास किया। अब आप देख सकते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि मैं कुछ कहता हूं और बाद में यह एक व्यापक भावना बन जाती है ।’’
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