बिहार में 5 ठिकानों पर NIA की छापोमारी, 4.3 करोड़ रुपये, 10 हथियार और जानें क्या-क्या मिला
मगध जोन में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को नाकाम करने के उद्देश्य से किए गए अभियान के तहत राज्य के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर तलाशी ली गई।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गुरुवार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के खिलाफ अपनी जांच के सिलसिले में बिहार में छापेमारी की। एजेंसी ने बताया कि बिहार में पांच स्थानों पर तलाशी की गई। एनआईए ने भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं के साथ गैरकानूनी गतिविधियों में कथित संलिप्तता की जांच को लेकर गया और कैमूर जिले में कुल पांच जगहों पर तलाशी ली। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, नकदी और डिजिटल डिवाइस बरामद की गई। जब्त की गई सामग्री में अलग-अलग बोर के दस हथियार, 4.03 करोड़ रुपये नकद, विभिन्न डिजिटल उपकरणों के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल हैं।
मगध जोन में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को नाकाम करने के उद्देश्य से किए गए अभियान के तहत राज्य के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। साजिश मामले में तीन संदिग्धों के घरों और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली गई, एनआईए की जांच में पाया गया कि तीनों मगध क्षेत्र में अपनी नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं को धन और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल थे।
एक साल पहले शुरू हुआ था मामला
मामला 7 अगस्त 2023 को औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से सीपीआई (माओवादी) के दो कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से शुरू हुआ था। आरोपियों रोहित राय और प्रमोद यादव के पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ सीपीआई (माओवादी) मगध क्षेत्रीय संगठन समिति से संबंधित पुस्तिकाएं बरामद की गई थीं। 26 सितंबर 2023 को जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने 20 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस साल फरवरी में रोहित और प्रमोद के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने वाली एजेंसी ने पाया कि दोनों अपने साथियों के साथ मिलकर क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) के खत्म हो रहे आंदोलन को फिर से जिंदा करने और इसकी हिंसक राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे।
छह आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एनआईए ने मार्च 2024 में आरोपी अनिल यादव उर्फ अंकुश और सीपीआई (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा के खिलाफ पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया था। जुलाई में अपने दूसरे पूरक आरोपपत्र में एनआईए ने एक अन्य आरोपी अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप का नाम भी दर्ज किया था। मामले में आगे की जांच जारी है।
पूर्व एमएलसी के घर भी छापा
एनआईए ने बिहार विधान परिषद की एक पूर्व सदस्य (एमएलसी) सहित दो लोगों के परिसरों पर तलाशी ली। एनआईए के अधिकारियों ने गया जिले के रामपुर थाना क्षेत्र में पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी और गोइंथा गांव में द्वारिका यादव के परिसरों में तलाशी ली। अधिकारी एनआईए की कार्रवाई के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। मनोरमा देवी से जुड़े परिवार के सदस्यों को पहले भी भाकपा (माओवादी) के कैडरों के साथ संबंध के आरोप में जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था। कई बार प्रयास किये जाने के बावजूद मनोरमा देवी इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सकीं। गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष भारती ने पत्रकारों से कहा, ‘‘एनआईए ने गया में अपने तलाशी अभियान के लिए जिला पुलिस से सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। जिसे केंद्रीय जांच एजेंसी को मुहैया कराया गया था।’’
यह भी पढ़ें-
वेश बदलकर एक्शन लेने वाले चर्चित IPS शिवदीप लांडे ने दिया इस्तीफा, IG के पद पर थे तैनात