बिहार में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता सरकार बदलना चाहते हैं: सर्वे
आईएएनएस सी-वोटर बिहार ओपिनियन पोल सर्वे के अनुसार, अगले महीने बिहार में होने वाले चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता सरकार बदलना चाहते हैं।
नई दिल्ली। आईएएनएस सी-वोटर बिहार ओपिनियन पोल सर्वे के अनुसार, अगले महीने बिहार में होने वाले चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता सरकार बदलना चाहते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 56.7 प्रतिशत मतदाता सरकार से 'नाखुश' हैं और वे बदलाव चाहते हैं, जबकि 29.8 प्रतिशत सरकार से 'नाराज' हैं, लेकिन इसे बदलना नहीं चाहते हैं।
मात्र 13.5 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि वे नाराज नहीं हैं और न ही वे सरकार को बदलना चाहते हैं। जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और सत्ता में आ गई। महागठबंधन के नेता के रूप में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बाद में उन्होंने राजद का साथ छोड़, सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। सर्वेक्षण में 25,789 सैंपल का प्रयोग किया गया है और सर्वेक्षण की अवधि 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच की है। सर्वेक्षण में सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है और सर्वे में चूक का मार्जिन राज्य स्तर पर प्लस/माइनस 3 प्रतिशत और क्षेत्रीय स्तर पर प्लस/माइनस 5 प्रतिशत है।
चुनाव आयोग ने तारीखों का किया ऐलान
कोरोना संकट के बीच बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार (25 सितंबर) को तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने राज्य के सभी जिलों का मैप जारी किया है जिसमें तीन चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के तिथियों के घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित कराने के लिए भारतीय चुनाव आयोग कुछ नियम बनाती है, इसे ही आचार संहिता कहा जाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम
28 अक्टूबरः पहले चरण में 71 सीटों पर चुनाव, 31 हजार पोलिंग स्टेशन
03 नवंबरः दूसरे चरण में 94 सीटों पर चुनाव, 42 हजार पोलिंग स्टेशन
07 नवंबरः तीसरे चरण में 78 सीटों पर चुनाव, 33.5 हजार पोलिंग स्टेशन
10 नवंबरः विधासभा चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे
सोशल मीडिया पर रखी जाएगी पैनी नजर
इस बार सुरक्षा में लगे कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही होंगे। उम्मीदवारों के बारे में जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी। उम्मीदवारों पर केस की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। सिक्यॉरिटी डिपॉजिट भी ऑनलाइन जमा कराना होगा। चुनाव आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी एक चुनौती है। सोशल मीडिया पर कोई भी अगर समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई होगी।
मतदान का समय बढ़ाया गया
चुनाव आयुक्त ने कहा कि मौजूदा हालात के मद्देनजर वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर सामान्य इलाकों में सुबह 7 से शाम 5 की बजाय सुबह 7 से शाम 6 के बीच मतदान होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि यह कोरोना के दौर में देश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। बिहार में 243 सीटें हैं, 38 सीटें आरक्षित हैं। हमने एक पोलिंग बूथ पर वोटरों की संख्या 1500 की जगह 1000 रखने का फैसला किया गया है।
बिहार चुनाव में इसबार एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे। 2015 में पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त 6.7 करोड़ वोटर थे, अब 7.29 करोड़ वोटर हैं। 1.73 लाख वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। 6 लाख मास्क, 7.6 लाख फेस शील्ड, 23 लाख हैंड ग्लव्स का इस्तेमाल होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि जहां पर जरूरत होगी और मांग की जाएगी, वहां पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की जाएगी। चुनाव प्रचार सिर्फ वर्चुअल होगा और नामांकन भी ऑनलाइन भरे जा सकेंगे।
(इनपुट- INAS)