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Hindi News बिहार 'भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं', मोहन भागवत का बड़ा बयान

'भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं', मोहन भागवत का बड़ा बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति 'हिंदू' है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत(फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : PTI संघ प्रमुख मोहन भागवत(फाइल फोटो)

पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत बिहार में अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं। इसी दौरान भागवत का एक बहुत बड़ा बयान सामने आया है। संघ प्रमुख भागवत ने कहा है कि अतीत में सभी भारतीय हिंदू थे। इसलिए, वे अभी भी हिंदू हैं। उन्होंने सोमवार को दरभंगा जिले में एक योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मोहन भागवत ने आरएसएस के अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा, "देश में वर्तमान में लोगों का जो भी धर्म है, लेकिन उनके पूर्वज पहले हिंदू थे। इसलिए, वे अभी भी हिंदू हैं।"

'संघ का सपना है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को एक किया जाए'

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का सपना है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को एक किया जाए। उन्होंने कहा कि आरएसएस से जुड़े लोगों की एक पहचान होती है जो एक विशिष्ट बैंड (आरएसएस बैंड) के माध्यम से प्रकट होती है। हम अपने देश का निर्माण इस तरह से करना चाहते हैं कि यह उस बैंड की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं देश के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि वे किसी के बयानों से प्रभावित न हों, आपको स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए और फिर निर्णय लेना चाहिए।

'मोहन भागवत के आने से देश को नई ऊर्जा मिलेगी'

आयोजन के दौरान नीतीश कुमार सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जिबेश मिश्रा ने कहा कि मोहन भागवत के आने से देश को नई ऊर्जा मिलेगी। मिश्रा ने कहा, "भागवत ने जिस तरह से लोगों से अपील की, वे बड़ी संख्या में आरएसएस में शामिल होंगे। देश में आरएसएस(RSS) की ताकत और बढ़ेगी, संगठन का और विस्तार होगा।"

भारत को महाशक्ति बनने की कोई जरूरत नहीं- भागवत

इससे पहले आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के महाशक्ति बनने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया कह रही है कि भारत महाशक्ति बनने वाला है। लेकिन वो कहते हैं कि भारत को महाशक्ति बनने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जो भी देश महाशक्ति बनता है, वो कोई अच्छा काम नहीं करते हैं, वो दूसरे देशों पर डंडा ही चलाते हैं, अत्याचार ही करते हैं।