पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। हालांकि, सरकार तमाम एहतियाती उपाय कर रही है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सख्ती भी की जा रही है। इसके बावजूद संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। यहां एक कैबिनेट मंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक ली। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह पिछले कुछ दिनों से अपने घर में ही पृथक-वास में हैं।
बिहार के मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बिहार के मुख्य न्यायधीश संजय करोल, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, वित्त विभाग के प्रधान सचिव सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार अनुपम सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और 18 चिकित्सक पटना एम्स के कोविड वार्ड में इलाजरत हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद पत्रकारों से कहा कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में अधिक से अधिक जांच पर जोर दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों का पता चल रहा है उन क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि बाहर से बिहार आने वालों की भी जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, '' प्रधानमंत्री ने कहा था कि राज्यपाल के स्तर पर सभी दलों की बैठक होनी चाहिए। हम लोगों ने राज्यपाल से बैठक के लिये आग्रह किया है। 17 अप्रैल को राज्यपाल के नेतृत्व में जो सर्वदलीय बैठक होगी उसमें जो सुझाव आएंगे उसके आधार पर कदम उठाये जाएंगे।''
नीतीश ने कहा कि कोरोना के लिए समर्पित अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या और बढ़ाई जा रही है। कुछ अस्पतालों को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए केंद्रित किया जा रहा है। इस बीच, कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर बिहार में सत्ताधारी भाजपा और जदयू तथा मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के पटना स्थित प्रदेश कार्यालयों में राजनीतिक गतिविधियां बंद कर दी गयी हैं।
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