Bihar News: बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ शराबबंदी से जुड़े मामले में पैरवी के लिए हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल को EOU यानी आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया। फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन कर कई बार केस खत्म करने के लिए कहा। चौंकाने वाली बात ये है कि मामले में DGP से क्लीन चिट भी मिल गई थी। केस खत्म होने के बाद खुफिया इनपुट से मामले का खुलासा हुआ है।
पूछताछ में अभिषेक ने कई खुलासे किए। अभिषेक ने बताया कि वह IPS अफसर को बचाने के लिए चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करता था। आर्थिक अपराध इकाई ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी नाम से फोन करने व साइबर केस में मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा है। अभिषेक अग्रवाल अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ की तस्वीरें पोस्ट करता रहता था।
मामले में अभी तक चार आरोपी गिरफ्तार
मामले में एडीजी जे.एस गंगवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि आरोपी आदित्य कुमार नामजद आरोपी है, मामले की आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके पास से मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी की जा रही है। एडीजी ने कहा कि आरोपी अभिषेक अग्रवाल अपराधिक मामले में दिल्ली और भागलपुर में भी गिरफ्तार हो चुका है। गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार को भी ईओयू ने नामजद किया है।
इन धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं केस
मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आदित्य फरार हैं। अभिषेक अग्रवाल, गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ IPC की कुल 7 धाराओं (353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 B) और आईटी एक्ट की 66 C और 66 D धाराओं में केस दर्ज किया गया है।