बिहार में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यहां लोकसभा 2024 को लेकर राज्य में गठबंधन के समीकरण बनने लगे हैं। इसी कड़ी में आज पूर्णिया में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर महागठबंधन का पहला महासम्मेलन देखने को मिला। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और वामदलों के नेता भी मंच पर मौजूद रहे। इस रैली में लालू यादव शामिल नहीं थे हालांकि वर्चुअल माध्यम से उन्हें इस रैली से जोड़ा गया था।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लालू यादव ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतेगा। बता दें कि महागठबंधन द्वारा एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है और नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के दावेदार के रूप में पेश किया जा रहा है। हालांकि नीतीश कुमार ने महागठबंधन को लेकर कहा कि विपक्षी मोर्चेबंदी के लिए हम कांग्रेस पार्टी का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी महागठबंधन को लेकर जल्द फैसला ले। अगर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हम एकजुट हो जाएंगे तो भाजपा 100 सीट भी नहीं ला पाएगी। अगर जल्दी नहीं करेंगे तो नुकसान होगा।
भाषण में भाजपा पर तंज
नीतीश कुमार ने यहां रैली में संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा वाले अपने ही नेताओं को याद नहीं करते हैं। अटल जी, अरुण जेटली, आडवाणी किसी का नाम वो नहीं लेते हैं। ये किसी के नहीं है। इनके पास अनुभव नहीं है। मेरे बारे में कहते हैं कि जॉर्ज फर्नांडिस को धोखा दिया। अब ये कैसे कह सकते हैं। हम तो उस वक्त जनता दल में ही थे तो कैसे धोखा दिया। ये जो उन्होंने कहा कि हम उनके खिलाफ हैं, हम तो उनके साथ ही थे। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जब वो अलग हुए थे तो उनको फोन आया था लेकिन मैने साफ मना कर दिया कि मैं बात नहीं करूंगा।
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