पटना. भारतीय जनता पार्टी शासित विभिन्न राज्य कथित लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बना रहे हैं। इन कानूनों में न सिर्फ आरोपी को 10 साल तक की सजा का प्रावधान है बल्कि उसका सहयोग करने वालों को भी सजा का प्रावधान है। ऐसे समय जब भाजपा शासित राज्य विवाह के लिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून बना रहे हैं, बिहार में उसके सहयोगी दल जदयू ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि ऐसे कानून समाज में घृणा और विभाजन उत्पन्न करेंगे जो उसे मंजूर नहीं है।
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JD(U) नेता के सी त्यागी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "लव जिहाद के नाम पर समाज में नफरत और विभाजन का माहौल बनाया जा रहा है।"
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"लव जिहाद" शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मुस्लिमों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्यार की आड़ में धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के कथित अभियान को संदर्भित करने के लिए करते हैं। त्यागी ने कहा, "संविधान और सीआरपीसी के प्रावधान दो वयस्कों को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने की आजादी देते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र का हो।"
उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने डॉ.राम मनोहर लोहिया के दिनों से ही वयस्कों के विवाह के अधिकार को बरकरार रखा है, चाहे वह किसी भी जाति और सम्प्रदाय में हो। लोहिया एक समाजवादी विचारक थे।
भाजपा शासित मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए शनिवार को एक विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल तक की कैद एवं एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह का एक अध्यादेश पिछले महीने उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है। हालांकि इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई है। (With input from Bhasha)